Default Image

Months format

View all

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

404

Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist. Back Home

Ads Area

चीन को खुश करने के लिए पाकिस्तान बढ़ा रहा है गधों कि संख्या, ये है कारण ?..

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं पाकिस्तान के बारे में जहां पर गधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आपको जानकर हैरानी होगी यह संख्या लाखों में हो चुकी है और पाकिस्तान का  गधों की संख्या बढ़ाने का कारण सिर्फ और सिर्फ चीन है,  तो आइए जानते हैं इस खबर के बारे में.



क्या है खबर :
जैसा कि आप सब जानते है पाकिस्‍तान पर चीन की मेहरबानी की खबरें अक्सर हमें मिलती रहती है. वहीं, पाकिस्‍तान की ओर से भी चीन को खुश करने के लिए हर तरीके अपनाए जाते हैं. यही वजह है कि पाकिस्‍तान पिछले कई सालों से चीन के लिए गधों की संख्‍या बढ़ा रहा है और इसका नतीजा ये है कि गधों की संख्‍या के मामले में पाकिस्‍तान तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. पाक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गधों के मामले में चीन और इथोपिया अब भी पाकिस्‍तान से आगे हैं. 


लाखो में गधों कि संख्या पहुंच चुकी है पाकिस्तान में :
इसी साल पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी बताया गया था कि देश में गधों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. बीते अप्रैल माह में जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में गधों की संख्‍या में 1 लाख का इजाफा हुआ है.  इसके मुताबिक 2017-18 में इनकी संख्या बढ़ कर 53 लाख हो गई है. इससे पहले 2015-16 में गधों की संख्या 51 लाख से ज्‍यादा थी, वहीं 2016-17 में ये संख्या बढ़ कर 52 लाख के करीब रही. दरअसल, पाकिस्तान में गधों की संख्‍या में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह चीन है.


चीन में है गधों कि मांग :
चीन की ओर से पाकिस्‍तानी गधों की सबसे ज्‍यादा खरीददारी की जाती है. चीन में गधों की खाल काफी उपयोगी मानी जाती है.  गधे की खाल से जिलेटिन बनता है जिसे चीन में इजीयो भी कहते हैं.  पुराने समय से इसका उपयोग ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने वाली चीनी दवाई के तौर पर किया जाता है. पीपीपी इसके अलावा चीन में गधे के मांस की भी काफी मांग है.  भारी मांग और उत्‍पादन कम होने की वजह से चीन को पाकिस्‍तान जैसे देशों की ओर रुख करना पड़ रहा है.

आपकी प्रतिक्रिया

खबर शेयर करें

Post a Comment

Please Allow The Comment System.*