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शेयर करे, आम आदमी पार्टी का बयान शहीदों को न मिले 1 करोड़ की राशि.



नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं अरविंद केजरीवाल की पार्टी के बारे में जिन्होंने अपनी पार्टी की तरफ से एक खुली खत जारी की है.जिसमें 21 विधायकों ने यह मांग की है कि अगर कोई पुलिस का कर्मचारी शहीद होता है तो उसे सरकार  ना दे एक करोड़ की राशि. मिले


क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की चिट्ठी में मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि न दी जाए क्योंकि यह एक पार्टी विशेष के इशारे पर काम करती है.आपको बताना चाहेंगे कि दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच की तनातनी फिर से देखने को मिली है ताजा मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर हुए मिर्च अटैक से जुड़ा है. दरअसल दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के कई विधायकों को ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस केंद्र के इशारे पर काम करती है. इसलिए अब दिल्ली सरकार के 21 विधायकों ने अपने मुखिया को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि दिल्ली सरकार कार्य के दौरान शहीद होने पर जवानों और अधिकारियों के परिवार को जो 1 करोड़ों रुपए का मुआवजा देती है वह दिल्ली पुलिस को न दी जाए. इस चिट्ठी पर आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों ने अपने हस्ताक्षर भी दिए हैं.

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मंगलवार को अरविंद केजरीवाल पर हुआ था मिर्च से हमला:
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मंगलवार को अरविंद केजरीवाल पर मिर्च पाउडर हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी किया था और उस बयान में कहा था कि अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर चिल्ली पाउडर नहीं फेंका गया बल्कि चिल्ली पाउडर फेंकने की कोशिश की गई थी, जिसमें पाउडर नीचे गिर गया था.दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि जिस व्यक्ति ने अरविंद केजरीवाल पर चिल्ली पाउडर फेंकने की कोशिश की थी, उसको सीएम ऑफिस की ओर से ही पास मिला था. आरोपी की मां बहुत दिनों से बीमार थी और इस सिलसिले में वह सहायता के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिला था.दिल्ली पुलिस की इस टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी के नेता नाराज हो गए और उन्होंने आरोपी को बचाने की दिल्ली पुलिस की साजिश बताई है और इसी नाराजगी के अंतर्गत पार्टी के 21 विधायकों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर सहायता राशि रोकने की मांग उठाई है.




क्या लिखा है पत्र में:
विधायकों की ओर से जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि पिछले 4 सालों में जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी है तब से ऐसे बहुत सारे हादसे देखने में आए हैं, जो वास्तव में हादसे नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश के तहत किए गए षडयंत्र साबित हुए हैं. पार्टी के नेताओं समेत आप पर भी कई हमले हुए हैं. कुछ हमलो को अगर नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो पिछले 4 साल में चार ऐसे बड़े हमले आप पर हुए हैं जो कि नजरअंदाज करने के काबिल नहीं है. इसमें पहला हमला सचिवालय के मीडिया सेंटर का है, दूसरा हमला छत्रसाल स्टेडियम में एक प्रोग्राम के दौरान का है, तीसरा हमला सिग्नेचर ब्रिज पर बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी और उनके लाए गए गुंडों का है और चौथा हमला मंगलवार को सचिवालय में आप की आंखों में मिर्ची पाउडर डालने और आपको शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने के मकसद का है.पत्र में विधायकों ने लिखा है कि इन सभी हमलों में एक बात बराबर देखी जा सकती है कि, दिल्ली पुलिस का रवैया उनकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. छत्रसाल स्टेडियम में हमला मामले दिल्ली पुलिस में आज तक चार्जशीट दायर नहीं की है. दिल्ली सचिवालय में मंत्री इमरान हुसैन पर हुए हमले में दिल्ली पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. उसी तरह से सिग्नेचर ब्रिज पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और उनके गुंडों के हमले में दिल्ली पुलिस ने हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उल्टा आपके ऊपर एफआईआर दर्ज कर दी.पत्र में आगे लिखा गया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद एक बड़ा ऐलान किया गया था कि, अगर दिल्ली के किसी भी सरकारी कर्मचारी कि ऑन ड्यूटी किसी कारणवश निधन हो जाती है तो दिल्ली सरकार उस व्यक्ति के परिवार को ₹10000000 सम्मान राशि देगी. लेकिन दिल्ली पुलिस निष्पक्षता से अपना काम नहीं कर रही है तथा एक पार्टी विशेष के इशारे पर काम कर रही है इसलिए दिल्ली प्रदेश के सभी विधायकों का मानना है कि एक करोड़ की सम्मान राशि का लाभ दिल्ली पुलिस को न दिया जाए.




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