Default Image

Months format

View all

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

404

Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist. Back Home

Ads Area

अयोध्या राम मंदिर: शिखरों पर चढ़ रही सोने की परत, निर्माण कार्य अंतिम चरण में

अयोध्या, जिसे भगवान श्रीराम की जन्मभूमि माना जाता है, सदियों से करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र रहा है। यहाँ बनने वाला श्रीराम जन्मभूमि मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और गौरव का प्रतीक भी है। 500 वर्षों के संघर्ष और दशकों की कानूनी लड़ाई के बाद, यह सपना 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ साकार होने की दिशा में अग्रसर हुआ।

अब मंदिर निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और हाल ही में एक नई खबर ने श्रद्धालुओं के हृदयों को और भी उल्लास से भर दिया है—राम मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का कार्य शुरू हो चुका है, जो कि इसकी भव्यता को और भी दिव्य बना देगा।


🔶 शिखरों पर सोने की परत: दिव्यता का प्रतीक

राम मंदिर के शिखरों को सोने की परत से सजाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। यह कार्य आगामी दो से तीन सप्ताह में पूरा हो जाने की उम्मीद है। यह पहल मंदिर की आभा को वैश्विक स्तर पर चमकाने वाली है, साथ ही यह सोने की परत श्रद्धा, समर्पण और गौरव का प्रतीक भी बन जाएगी।

प्रमुख बिंदु:

  • सोने की परत चढ़ाने का कार्य मई 2025 के अंत में शुरू हुआ।
  • मंदिर के मुख्य शिखर और अन्य छोटे शिखरों पर कुल 6 से 8 किलो सोने का उपयोग संभावित।
  • सोना चढ़ाने का कार्य शुद्ध पारंपरिक तकनीकों से किया जा रहा है, ताकि इसकी चमक वर्षों तक बनी रहे।

🔶 राम मंदिर निर्माण का पहला चरण: एक सफल उपलब्धि

राम मंदिर का पहला चरण वर्ष 2023 में पूरा किया गया था। इसके तहत गर्भगृह (गर्भगृह मंडप)रामलला की मूर्ति, और मुख्य मंडप का निर्माण कार्य संपन्न हुआ। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया, जिसमें रामलला की मूर्ति को भव्य वैदिक अनुष्ठानों के साथ मंदिर में स्थापित किया गया।

इस अवसर पर देशभर से 5000 से अधिक धर्माचार्यराजनीतिक हस्तियाँ, और लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस समारोह का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और कई राष्ट्रीय चैनलों पर किया गया, जिसे 10 करोड़ से अधिक लोगों ने लाइव देखा, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड भी बना।


🔶 मंदिर की वास्तुकला: नागर शैली का उत्कृष्ट उदाहरण

राम मंदिर की वास्तुशिल्प योजना भारत की नागर शैली पर आधारित है। इसका डिज़ाइन सोमनाथ मंदिरखजुराहो मंदिर, और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसी ऐतिहासिक संरचनाओं से प्रेरित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • मंदिर की लंबाई: 360 फीट
  • चौड़ाई: 235 फीट
  • ऊँचाई: 161 फीट
  • कुल स्तंभ: 392, जिनमें प्रत्येक पर रामायण कालीन घटनाओं की नक्काशी
  • निर्माण सामग्री: बंसी पहाड़पुर का गुलाबी बलुआ पत्थर (राजस्थान से)

🔶 मंदिर निर्माण में आर्थिक योगदान और आंकड़े

राम मंदिर के निर्माण में देशभर से करोड़ों श्रद्धालुओं ने आर्थिक योगदान दिया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जुटाए गए 5100 करोड़ रुपये के लगभग बजट में से अधिकांश धनराशि सार्वजनिक दान से प्राप्त हुई है।

महत्वपूर्ण आँकड़े:

  • ₹3,500 करोड़ तक अब तक व्यय किए जा चुके हैं।
  • ₹1,600 करोड़ की लागत मंदिर परिसर के बुनियादी ढांचे जैसे सुरक्षा, विद्युत, जल व्यवस्था पर।
  • 11 लाख से अधिक गांवों और 4 लाख से ज्यादा शहरों से दान प्राप्त।

🔶 भविष्य की योजना: संपूर्ण मंदिर परिसर का विकास

हालांकि मंदिर का मुख्य ढांचा लगभग पूर्ण हो चुका है, लेकिन संपूर्ण मंदिर परिसर का विकास कार्य अभी भी प्रगति पर है। इसमें शामिल हैं:

  • रामकथा केंद्रसंग्रहालयभोजनालययात्री निवास, और सुरक्षा चौकियाँ
  • श्रद्धालुओं के लिए 24x7 सुविधाएँ, जैसे जल, चिकित्सा, और आरामगृह
  • हरित ऊर्जा और सौर संयंत्रों से संपूर्ण परिसर को ऊर्जा आपूर्ति देने की योजना

इस मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसे भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।सोने की परत चढ़ाए जा रहे शिखर आने वाले समय में अयोध्या पर्यटन को नया आयाम देंगे और यह स्थल दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।


🔶 अंतिम विचार: राम मंदिर – आत्मगौरव का स्तंभ

राम मंदिर का निर्माण केवल एक इमारत नहीं है, यह भारत की आत्मासंस्कृति और आस्था का जीवंत प्रतीक है। जब मंदिर के शिखर सूर्य की किरणों से दमकते हुए सोने की आभा बिखेरेंगे, तब यह पूरी दुनिया को भारतीय सभ्यता की दिव्यता का संदेश देंगे।

अयोध्या राम मंदिर न केवल धार्मिक भावनाओं का केंद्र है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत, शिल्पकला, और जन-भावनाओं का भी जीवंत उदाहरण है। राम मंदिर निर्माण समाचारराम मंदिर का वर्तमान स्टेटससोने की परत वाले शिखर, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर उद्घाटन।