उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि अयोध्या, केवल एक शहर नहीं बल्कि आस्था का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो पूरे देश में एक नई बहस को जन्म दे रहा है। अब रामनगरी अयोध्या के रामपथ, धर्मपथ, भक्तिपथ, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग, और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग जैसे पवित्र स्थलों पर मांस और मछली (नॉनवेज) की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है।
🛑 क्या है नया आदेश?
🔹 योगी सरकार ने आदेश जारी किया है कि
- अयोध्या के रामपथ,
- धर्मपथ,
- भक्तिपथ,
- 14 कोसी परिक्रमा मार्ग,
- और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में अब नॉनवेज नहीं बिकेगा।
🔹 सभी मांस-मछली बेचने वाले दुकानदारों को 7 दिनों के भीतर अपनी दुकानें बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
🔹 आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
📍 रामपथ, धर्मपथ और परिक्रमा मार्ग का महत्व क्या है?
✅ रामपथ – यह मार्ग श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से जुड़ा है और लाखों श्रद्धालु यहां रामलला के दर्शन के लिए आते हैं।
✅ धर्मपथ – यह मार्ग कई प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों को जोड़ता है।
✅ भक्तिपथ – यह मार्ग पैदल यात्रा करने वाले भक्तों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है, जो अयोध्या में भक्ति और साधना के लिए आते हैं।
✅ 14 कोसी परिक्रमा मार्ग – रामभक्त इस मार्ग पर परिक्रमा करते हैं, यह मार्ग लगभग 42 किलोमीटर लंबा है और रामायणकालीन धार्मिक महत्व रखता है।
✅ पंचकोसी परिक्रमा मार्ग – यह मार्ग लगभग 15 किलोमीटर का है और अयोध्या के प्राचीन धार्मिक क्षेत्रों को जोड़ता है।
🙏 धार्मिक आस्था बनाम व्यापारिक स्वार्थ
यह फैसला उन करोड़ों रामभक्तों के लिए राहत की खबर है जो चाहते थे कि अयोध्या की धार्मिक गरिमा बरकरार रखी जाए।
📌 वर्षों से यह मांग उठती रही थी कि अयोध्या के पवित्र मार्गों पर मांस-मछली की बिक्री न हो, क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
📌 योगी सरकार ने आस्था को प्राथमिकता देते हुए इस मांग को स्वीकार किया और ऐतिहासिक कदम उठाया।
🏛️ प्रशासन की सक्रियता
अयोध्या के जिला प्रशासन ने इस फैसले को सख्ती से लागू करने की तैयारी कर ली है।
🔹 स्थानीय पुलिस,
🔹 नगर निगम अधिकारी,
🔹 और राजस्व विभाग के अधिकारी मिलकर
एक सर्वेक्षण और निगरानी अभियान चला रहे हैं।
🔹 संबंधित क्षेत्रों में लगे CCTV कैमरों की मदद से दुकानों की पहचान की जा रही है और नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
🧾 कानूनी और नीति से जुड़ी बातें
यह फैसला सिर्फ धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि स्थानीय निकाय अधिनियम और स्वच्छता एवं शांति बनाए रखने के कानूनों के तहत लिया गया है।
👉 उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम,
👉 सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता कानून,
👉 और धार्मिक स्थलों की मर्यादा बनाए रखने संबंधी शासनादेश – इन सभी का हवाला देते हुए यह फैसला लागू किया गया है।
📢 जन प्रतिक्रिया – स्वागत और विरोध दोनों
✅ स्वागत
- हिंदू संगठनों,
- स्थानीय संत समाज,
- और राम भक्तों ने इस फैसले का जोशीला स्वागत किया है।
“अयोध्या को काशी और मथुरा की तरह पूरी तरह सात्विक और धार्मिक वातावरण वाला शहर बनाना चाहिए।” – संत जयेन्द्राचार्य
❌ विरोध
कुछ व्यापारी संगठनों और नॉनवेज बेचने वाले दुकानदारों ने इस फैसले पर नाराज़गी जताई है।
उनका कहना है कि
“सरकार को वैकल्पिक स्थान देना चाहिए था। अचानक दुकानें बंद करने से रोजगार पर असर पड़ेगा।”
📊 आंकड़ों में असर
🔹 अयोध्या में इन मार्गों पर कुल 120 से अधिक नॉनवेज की दुकानें पंजीकृत थीं।
🔹 इनमें से करीब 65% अवैध रूप से चल रही थीं, जिनके पास प्रशासनिक अनुमति नहीं थी।
🔹 निर्णय से लगभग 300 से अधिक परिवारों पर रोजगार का असर पड़ेगा, जिनके लिए पुनर्वास योजना लाने पर विचार चल रहा है।
🌱 अयोध्या का भविष्य – धार्मिक पर्यटन की राजधानी
यह फैसला अयोध्या को एक धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के योगी सरकार के विज़न का हिस्सा है।
🔸 श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद,
🔸 राम की पैड़ी और सरयू आरती,
🔸 500 से अधिक मंदिरों के पुनरुद्धार,
🔸 14 कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास,
अब यह फैसला अयोध्या को पूरी तरह एक सात्विक नगरी के रूप में स्थापित करेगा।
📌 निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं है, बल्कि यह आस्था, संस्कृति और धार्मिक मर्यादा का सम्मान है।
🚫 रामपथ पर नॉनवेज की बिक्री बंद कर अयोध्या को एक पवित्र तीर्थ के रूप में बनाए रखने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
जहां एक ओर देश भर से श्रद्धालु और भक्तजन इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, वहीं सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रभावित दुकानदारों का पुनर्वास और वैकल्पिक व्यवस्था भी समय पर हो।