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दिल्ली के स्कूलों में फर्जी बम धमकी के 400 ईमेल, पुलिस ने पकड़ा: क्या चुनाव से पहले फिर से हिंसा फैलाना चाहती है आप ?

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में खुलासा किया कि पिछले कुछ महीनों से दिल्ली के स्कूलों को बम धमकियों वाले फर्जी ईमेल भेजने के मामले में एक नाबालिग शामिल है। इस नाबालिग ने 400 से अधिक फर्जी ईमेल भेजे, जिससे स्कूलों में डर और अव्यवस्था का माहौल बना। पुलिस जांच में नाबालिग का संबंध एक एनजीओ से पाया गया, जिसका एक राजनीतिक दल से गहरा जुड़ाव है। इस खुलासे के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर तीखे सवाल उठाए हैं।


फर्जी ईमेल की साजिश: नाबालिग ने कैसे रची योजना?

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रेश कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि यह नाबालिग फरवरी 2024 से स्कूलों को फर्जी बम धमकी के ईमेल भेज रहा था। इन ईमेल का मकसद स्कूलों में अव्यवस्था फैलाना, परीक्षा स्थगित कराना और छात्रों के मन में भय पैदा करना था। पुलिस ने बताया कि शुरुआत में आरोपी ने वीपीएन का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की, जिससे जांच में कई कठिनाइयाँ आईं। लेकिन 8 जनवरी 2025 को भेजे गए एक ईमेल ने पुलिस को तकनीकी सुराग दिया।

जाँच के दौरान, पुलिस ने ईमेल भेजने वाले के लैपटॉप और मोबाइल फोन की फोरेंसिक जाँच की। इन डिजिटल सबूतों से यह स्पष्ट हुआ कि यह नाबालिग अकेले यह सब नहीं कर सकता था। उसका परिवार एक एनजीओ चलाता है, जिसका एक राजनीतिक दल और अफजल गुरु के समर्थन से जुड़े समूहों से गहरा संबंध है।


एनजीओ और राजनीतिक संबंधों की गहराई से जाँच

पुलिस ने बताया कि इस मामले में नाबालिग के परिवार द्वारा संचालित एनजीओ की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह एनजीओ कई बार संवेदनशील मुद्दों पर एक राजनीतिक दल का समर्थन करता रहा है। पुलिस का मानना है कि नाबालिग ने इन फर्जी ईमेल को भेजने के लिए एनजीओ की सहायता ली हो सकती है।

यह एनजीओ पहले भी अफजल गुरु की फाँसी का विरोध कर चुके संगठनों के साथ जुड़ा रहा है। स्पेशल सीपी मधुप तिवारी ने कहा कि ईमेल भेजने का यह मामला सिर्फ एक शरारत नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी साजिश हो सकती है। डिजिटल सबूत और एनजीओ के कनेक्शन से यह साफ होता है कि यह एक संगठित प्रयास था।


बीजेपी का हमला: आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप

इस मामले के खुलासे के बाद, बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) पर तीखा हमला बोला। बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह घटना बताती है कि कैसे आम आदमी पार्टी और उससे जुड़े एनजीओ बच्चों के मन में जहर भर रहे हैं। उन्होंने आप नेताओं पर अफजल गुरु के समर्थन और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।

बीजेपी ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में मदद करने के आरोप पहले से हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में चुनाव से पहले दंगे और अव्यवस्था फैलाने का यह एक सोचा-समझा प्रयास है।


फर्जी धमकियों का दिल्ली पर प्रभाव

दिल्ली पुलिस के अनुसार, नाबालिग ने 7 अलग-अलग मौकों पर धमकी भरे ईमेल भेजे। एक बार उसने 250 स्कूलों को एक साथ बम की धमकी दी। इन फर्जी धमकियों के कारण न केवल स्कूलों में अव्यवस्था फैली, बल्कि प्रशासन और छात्रों के बीच डर का माहौल बना।

पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि पिछले साल मई से दिसंबर तक दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों और एयरपोर्ट्स को कुल 50 बार फर्जी बम धमकी दी गई। हर बार ये धमकियाँ फर्जी साबित हुईं, लेकिन इससे प्रशासन और आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।


क्या यह राजनीतिक षड्यंत्र है?

दिल्ली पुलिस की जांच में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इन फर्जी धमकियों के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र है। एनजीओ के राजनीतिक संबंध और अफजल गुरु का समर्थन इसे और गंभीर बनाता है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस साजिश में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से इस मामले में स्पष्टीकरण माँगा है। उन्होंने कहा कि अगर आप का इससे कोई संबंध नहीं है, तो उन्हें इस पर स्पष्ट बयान देना चाहिए।


दिल्ली में चुनाव और दंगों की साजिश का आरोप

बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि दिल्ली में चुनाव से पहले इस तरह की घटनाएँ माहौल बिगाड़ने के लिए की जाती हैं। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को याद करते हुए उन्होंने आम आदमी पार्टी पर दंगों के मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन का समर्थन करने का आरोप लगाया।


पुलिस की आगे की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है। उन्होंने नाबालिग के परिवार और एनजीओ के सभी सदस्यों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने डिजिटल सबूतों के आधार पर संभावित षड्यंत्र की तह तक जाने का आश्वासन दिया है।


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