मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से मेहनाज नामक महिला ने हाल ही में सनातन धर्म अपना लिया और अपने दो बेटों के साथ नए जीवन की शुरुआत की। गायत्री मंदिर में शुद्धिकरण के बाद उन्होंने हिंदू धर्म को अपनाया और अपने बेटों के साथ नए नाम प्राप्त किए। उनके बेटों मोहम्मद फैजान शेख और फरहान शेख को अब लव और कुश के नाम से जाना जाएगा। मेहनाज, जो अब मीनाक्षी बन गई हैं, ने बताया कि वह अपने पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आ चुकी थीं, और इसीलिए उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया।
धर्म परिवर्तन के पीछे संघर्ष की कहानी : मीनाक्षी ने खुलासा किया कि उनके धर्म परिवर्तन का कारण उनके पति और परिवार द्वारा किए गए अपमान और शारीरिक हिंसा थी। वह और उनके बच्चे अक्सर उनके पति के हाथों शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार होते थे। उन्होंने कहा कि उनके मायके वाले भी उनकी मदद करने में असमर्थ रहे। अपने परिवार से निराश होकर, मीनाक्षी ने फैसला किया कि वह अपनी और अपने बच्चों की भलाई के लिए इस्लाम को छोड़कर सनातन धर्म अपनाएंगी। यह निर्णय उनके जीवन के लिए एक नई दिशा और सम्मान की प्राप्ति का संकेत था।
सनातन धर्म का विधिवत अपनाना : मीनाक्षी और उनके बेटों का सनातन धर्म अपनाने का निर्णय एक पवित्र शुद्धिकरण समारोह के माध्यम से हुआ, जिसमें सभी धार्मिक और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। गायत्री मंदिर में हुए इस समारोह के दौरान मीनाक्षी और उनके बच्चों का धार्मिक रूपांतरण हुआ। अब उनके बेटों का नाम लव और कुश है, जो उनके नए धर्म को अपनाने का प्रतीक है। धर्म परिवर्तन के बाद, मीनाक्षी ने अपने पति और ससुराल से सभी संबंध तोड़ लिए हैं, और अपनी नई पहचान को गले लगाते हुए एक नई जिंदगी की शुरुआत कर रही हैं।
सनातन धर्म में नए जीवन की शुरुआत : मीनाक्षी, जो पहले मेहनाज थीं, अब अपने जीवन को फिर से संवारने की राह पर हैं। धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने कहा कि यह कदम उन्हें अपने पुराने जीवन की प्रताड़नाओं से बाहर निकलने और अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन बनाने की दिशा में है। मीनाक्षी के इस साहसिक फैसले ने उन्हें न केवल एक नई पहचान दी है बल्कि उन्हें अपने बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य की ओर ले जा रहा है। उन्होंने अपने अतीत को पीछे छोड़ते हुए एक नया जीवन शुरू किया है, जो कि उनकी व्यक्तिगत मुक्ति और संघर्ष की प्रतीक है।