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राष्ट्रवादी पत्रकारिता का उदहारण, राष्ट्रविरोधी पर गरजे डीडी न्यूज़ के अशोक श्रीवास्तव

डीडी न्यूज़ के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘दो टूक’ के दौरान 28 अगस्त 2024 को एक विवादित घटना घटी, जब जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनावों पर हो रही बहस के दौरान ‘जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस’ (JKNC) के प्रवक्ता नासिर लोन ने तिरंगे का अपमान किया और पाकिस्तान का झंडा फहराने की बात की। इस पर शो के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए नासिर लोन को जमकर फटकार लगाई। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी बवाल मचाया, जहां अधिकतर लोगों ने श्रीवास्तव के इस कड़े रुख का समर्थन किया। 

1. डीडी न्यूज़ के शो में हुई घटना : डीडी न्यूज़ के ‘दो टूक’ कार्यक्रम में 28 अगस्त, 2024 को जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर बहस चल रही थी। इस दौरान ‘जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस’ (JKNC) के प्रवक्ता नासिर लोन ने भारतीय तिरंगे का अपमान करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुराने झंडे को वापस लाने की बात कही। नासिर लोन ने स्टूडियो में पाकिस्तान का झंडा फहराने की बात कह दी, जिससे शो के एंकर अशोक श्रीवास्तव का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने ऑन-कैमरा कड़ा विरोध दर्ज कराया। श्रीवास्तव ने नासिर लोन को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि उनके स्टूडियो में पाकिस्तान का झंडा लहराने की किसी की औकात नहीं है।

2. अशोक श्रीवास्तव की कड़ी प्रतिक्रिया : नासिर लोन की इस विवादित टिप्पणी पर अशोक श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हिम्मत है तो चढ़ा कर दिखाइए। अरे, आपका क्या, आपके बाप में दम नहीं है कि पाकिस्तान का झंडा यहाँ लेकर आ जाइए।" श्रीवास्तव ने नासिर लोन को गद्दार करार दिया और कहा कि अगर कोई पाकिस्तान का झंडा लेकर आएगा, तो उसे स्टूडियो से जूता मार-मार कर निकाला जाएगा। इस दौरान श्रीवास्तव का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने नासिर लोन की आवाज़ बंद करने के लिए टेक्नीशियन को भी कह दिया। 

3. नासिर लोन का जवाब और बहस की गर्माहट : नासिर लोन ने अशोक श्रीवास्तव के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई पागल आपके स्टूडियो में आकर पाकिस्तान का झंडा फहरा दे, तो क्या आप पाकिस्तानी साबित हो जाएँगे? इस पर अशोक श्रीवास्तव का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने लोन को कड़ी फटकार लगाई। इस पूरे मामले की जड़ जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के घोषणा-पत्र से शुरू हुई, जिसमें पाकिस्तान का झंडा फहराने वालों और पत्थरबाजों पर से मुकदमे हटाने की बात कही गई थी। 

4. जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति : जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए फारूक अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह की पार्टी JKNC ने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया है। फारूक अब्दुल्लाह वही नेता हैं, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के समय मुख्यमंत्री रहते हुए लंदन में छुट्टियाँ मनाने का फैसला किया था। उनकी पार्टी का यह विवादास्पद रुख जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना रहा है, जिससे अशोक श्रीवास्तव जैसे पत्रकारों को इस प्रकार की तीखी प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

5. अशोक श्रीवास्तव का स्पष्टीकरण : शो के दौरान हुई इस घटना के बाद, अशोक श्रीवास्तव ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने माना कि बहस तीखी होने के दौरान उन्होंने पैनलिस्ट नासिर लोन के साथ जो शब्दों का प्रयोग किया, वह उन्हें नहीं करना चाहिए था। श्रीवास्तव ने इस पर अफसोस जताते हुए कहा कि एक पत्रकार और पब्लिक ब्रॉडकास्टर से जुड़े एंकर के नाते उन्हें अपने गुस्से और भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए था। 

6. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया : हालांकि, सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोगों ने अशोक श्रीवास्तव के इस कड़े रुख का समर्थन किया। कई लोगों ने कहा कि पाकिस्तान की तरफदारी करने वालों को ऐसे ही जवाब दिया जाना चाहिए। डीडी न्यूज़ के इस बदले हुए रूप को लोगों ने सराहा, जहाँ अब पाकिस्तान की पैरवी करने वालों को खुलेआम फटकारा जाता है। श्रीवास्तव के इस स्पष्टीकरण के बाद, उनके समर्थन में काफी लोग सामने आए और उन्होंने श्रीवास्तव की इस हिम्मत को सराहा।

7. डीडी न्यूज़ का बदला हुआ रूप : डीडी न्यूज़ का यह बदलता रूप उस समय की याद दिलाता है, जब इसके पत्रकार जम्मू-कश्मीर के आतंकी यासीन मलिक और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की PMO में मुलाकात को कवर करते थे। उस समय डीडी न्यूज़ के पत्रकारों को मजबूरी में एक आतंकी को नेता की तरह पेश करना पड़ता था। आज, डीडी न्यूज़ पर पाकिस्तान की पैरवी करने वालों को बेधड़क भगाया जाता है। इस बदलाव से स्पष्ट है कि अब डीडी न्यूज़ अपने कार्यक्रमों में किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और उन्हें खुलकर जवाब देगा।

8. निष्कर्ष : इस घटना ने पत्रकारिता में एक नया दृष्टिकोण पेश किया है, जहाँ देश की अखंडता के खिलाफ किसी भी बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अशोक श्रीवास्तव जैसे पत्रकारों का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि भारत के राष्ट्रध्वज और उसकी गरिमा की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाया जा सकता है।