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अब मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में टीएमसी नेता के उत्पीड़न के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का धरना

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों द्वारा 29 अगस्त, 2024 को एक धरना आयोजित किया गया। यह विरोध तृणमूल छात्र परिषद (TMCP) के नेता मुस्ताफिजुर रहमान मलिक के लगातार उत्पीड़न के खिलाफ किया गया था। आरोप है कि मुस्ताफिजुर ने जूनियर डॉक्टरों, विशेषकर महिलाओं, को परेशान किया और उन्हें आइटम गानों पर नाचने के लिए मजबूर किया। डॉक्टरों ने इस उत्पीड़न के खिलाफ मुस्ताफिजुर को हॉस्टल से बाहर निकालने की माँग की। इस प्रदर्शन के बाद कॉलेज प्रशासन ने मुस्ताफिजुर के कॉलेज में प्रवेश पर रोक लगा दी है।

ख़बर के मुख्य बिंदु 
1. उत्पीड़न के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का विरोध
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने 29 अगस्त को टीएमसीपी नेता मुस्ताफिजुर रहमान मलिक के खिलाफ धरना दिया। डॉक्टरों का आरोप है कि मुस्ताफिजुर, जो कि पूर्व में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी थे, लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों ने मुस्ताफिजुर पर रैगिंग करने का आरोप लगाया है, जिसमें उन्होंने जूनियर महिला डॉक्टरों को आइटम गानों पर डांस करने तक के लिए मजबूर किया है।

2. टीएमसीपी नेता की ताकत और धमकियाँ
डॉक्टरों का कहना है कि मुस्ताफिजुर ने 3 साल पहले ही मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज से डिग्री प्राप्त कर ली थी, लेकिन वह अब भी हॉस्टल में रहता है और कॉलेज में सक्रिय है। मोहम्मद सीबी नामक एक डॉक्टर ने बताया कि मुस्ताफिजुर उन्हें लगातार परेशान करता है और हॉस्टल से बाहर निकालने की धमकी देता है। जब डॉक्टरों ने मुस्ताफिजुर के खिलाफ शिकायत करने की बात कही, तो उसने दावा किया कि इससे कुछ नहीं होगा, चाहे शिकायत स्वास्थ्य विभाग से ही क्यों न की जाए।

3. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देने से मना करने की धमकी
जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि मुस्ताफिजुर ने उन्हें उनके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि मुस्ताफिजुर TMCP के माध्यम से हर चीज को नियंत्रित करता है, यहाँ तक कि परीक्षा में कौन बैठ सकेगा और छात्रों को फेल-पास करने तक के निर्णय भी उसी के हाथ में होते हैं। यह स्थिति मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए अत्यंत चिंता का विषय बन गई है।

4. वित्तीय शोषण और जबरन TMCP में शामिल होने का दबाव
मोहम्मद सीबी ने बताया कि मुस्ताफिजुर ने प्रत्येक जूनियर डॉक्टर से ₹2000 भी वसूले और उन्हें जबरन TMCP में शामिल किया। डॉक्टरों का आरोप है कि मुस्ताफिजुर एक सिंडिकेट चला रहा है और कॉलेज के अंदर सभी गतिविधियों को नियंत्रित कर रहा है। यह सिंडिकेट छात्रों से लेकर डॉक्टरों तक के जीवन को प्रभावित कर रहा है, जिससे सभी बेहद डरे हुए हैं और इस उत्पीड़न का विरोध करने के लिए मजबूर हो गए हैं।

5. छात्राओं की रैगिंग और उत्पीड़न की घटनाएँ
श्रेया मंडल नाम की एक मेडिकल छात्रा ने रिपब्लिक टीवी को बताया कि कैसे मुस्ताफिजुर और उसके साथी छात्रों ने उन्हें परेशान किया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया, तब शिक्षक क्लास छोड़कर चले गए थे और छात्र क्लास में थे। उसी दौरान, मुस्ताफिजुर और उसके गुंडों ने दरवाजे बंद कर दिए और उनकी रैगिंग की। श्रेया ने बताया कि उन्हें आइटम गानों पर डांस करने के लिए मजबूर किया गया, जिससे वे डर गईं और अब भी डर में जी रही हैं।

6. कॉलेज प्रशासन पर आरोप और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जूनियर डॉक्टरों के विरोध के बाद कॉलेज प्रशासन ने मुस्ताफिजुर के कॉलेज में प्रवेश पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने सुरक्षा की खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में सूचित कर दिया है और पुलिस से लेकर सुरक्षा अधिकारियों तक के सहयोग से सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं। कॉलेज में और अधिक CCTV कैमरे लगाने का भी निर्णय लिया गया है।

7. हॉस्टल से मुस्ताफिजुर को बाहर निकालने की माँग
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की मुख्य माँग यह है कि मुस्ताफिजुर रहमान मलिक को तत्काल हॉस्टल से बाहर निकाला जाए। डॉक्टरों का कहना है कि मुस्ताफिजुर के चलते हॉस्टल में रहना उनके लिए सुरक्षित नहीं है और वह लगातार धमकियों और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। इस माँग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने प्रशासन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और जब तक कार्रवाई नहीं होती, वे अपने विरोध प्रदर्शन को जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं।

8. मेडिकल कॉलेज के भविष्य पर सवाल
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में इस तरह की घटनाएँ न केवल कॉलेज के प्रशासन पर सवाल उठाती हैं, बल्कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा और अनुशासन व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं। ऐसी स्थितियों में, जब कॉलेज के अंदर ही उत्पीड़न और रैगिंग की घटनाएँ सामने आती हैं, तो यह न केवल छात्रों के शैक्षणिक अनुभव को प्रभावित करता है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है। 

9. निष्कर्ष: कार्रवाई की आवश्यकता
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में उत्पीड़न की ये घटनाएँ गंभीरता से लिए जाने की आवश्यकता है। कॉलेज प्रशासन को मुस्ताफिजुर रहमान मलिक के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके साथ ही, राज्य सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और छात्रों को एक सुरक्षित और स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण मिल सके। डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन ने इस मुद्दे को उजागर किया है और अब समय आ गया है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए।