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अवैध चर्च पर बुलडोजर: धर्मान्तरण के आरोप और कानूनी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने एक चर्च को ध्वस्त कर दिया। इस चर्च से धर्मान्तरण की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद एसडीएम कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किया। जवाब न मिलने पर, प्रशासन ने कानूनी औपचारिकताएँ पूरी कर, चर्च को बुलडोजर से गिरा दिया। पुलिस और वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है। चर्च निर्माण और धर्मान्तरण में शामिल आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


अवैध निर्माण का खुलासा
मिर्जापुर के थानाक्षेत्र अहरौरा में वन विभाग की जमीन पर 8 साल पहले एक चर्च का अवैध निर्माण किया गया था। स्थानीय लोगों की शिकायतों और प्रशासन की जांच के बाद, यह पाया गया कि विनोद कुमार और रमाकांत नाम के व्यक्ति इस चर्च के निर्माण में शामिल थे। चर्च के निर्माण से जनजातीय क्षेत्रों में धर्मान्तरण की गतिविधियाँ संचालित की जा रही थीं, जिससे स्थानीय समुदायों में असंतोष और अविश्वास बढ़ रहा था। सरकारी जमीन पर हुए इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए प्रशासन ने कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया।

एसडीएम कोर्ट की कार्यवाही
चर्च के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद एसडीएम चुनार की अदालत ने विनोद कुमार और रमाकांत को नोटिस जारी किया। इसमें उन्हें सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। नोटिस के बावजूद दोनों आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। उनके गैर-हाजिरी के कारण एसडीएम कोर्ट ने एक और नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें सप्ताह भर में अपने अवैध कब्जे को स्वयं हटाने के निर्देश दिए गए। जब फिर भी कोई जवाब नहीं आया, तब प्रशासन ने मजबूरन इस अवैध निर्माण को हटाने का फैसला किया।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई
रविवार, 11 अगस्त 2024 को, जिले की राजस्व टीम ने पुलिस बल और बुलडोजर के साथ चर्च को ध्वस्त कर दिया। इस कार्यवाही में सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताएँ पूरी की गईं। मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक आईपीएस अभिनंदन की निगरानी में यह कार्रवाई संपन्न हुई। इस दौरान स्थानीय लोग भी उपस्थित थे, जिन्होंने प्रशासन की इस सख्ती का समर्थन किया। यह कार्रवाई दिखाती है कि अवैध निर्माण और धर्मान्तरण की गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

धर्मान्तरण के आरोप और जांच
पुलिस अधीक्षक आईपीएस अभिनंदन ने बताया कि चर्च से अवैध धर्मान्तरण की शिकायतें पहले से ही मिल रही थीं। चर्च के माध्यम से जनजातीय लोगों को धर्म परिवर्तन का लालच दिया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और जांच जारी है। पुलिस प्रशासन इस मामले की तह तक जाने और सभी दोषियों को पकड़ने का प्रयास कर रहा है। यह कार्रवाई ऐसे असामाजिक तत्वों के लिए एक सख्त संदेश है कि कानून के उल्लंघन को सहन नहीं किया जाएगा।

अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण
अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई के दौरान एसडीएम राजेश वर्मा ने कहा कि यह कार्रवाई आवश्यक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा थी। अवैध कब्जे को हटाने के साथ-साथ, इस निर्माण के ध्वस्तीकरण में हुए खर्च की भरपाई भी आरोपी विनोद कुमार और रमाकांत से की जाएगी। यह निर्णय सुनिश्चित करता है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने की हिम्मत न करे। साथ ही, प्रशासन की सख्ती से जनजातीय समुदायों में विश्वास बहाल होगा।

धर्मान्तरण के खिलाफ सख्त कदम
इस घटना से साफ है कि प्रशासन अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। धर्मान्तरण और अवैध कब्जे जैसे असामाजिक कार्यों में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस और प्रशासन की यह संयुक्त कार्रवाई उन तत्वों के लिए एक चेतावनी है, जो समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास करते हैं। मिर्जापुर की इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि कानून और व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रशासन सख्ती से काम करेगा।