पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के बाद से सभी डॉक्टर और मेडिकलकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। इस घटना ने राज्य के प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच, अस्पताल और राज्य सरकार के बीच कई तरह के मतभेद भी उभरकर सामने आ रहे हैं।
2.TMC नेताओं और पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस घटना के बाद TMC के नेता अरूप चक्रवर्ती और उदयन गुहा प्रदर्शनकारियों को धमकाते हुए नजर आए। प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को भी तैनात किया गया। इस बीच, अस्पताल के प्रधानाध्यापक संदीप घोष पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिनका इससे पहले दो बार तबादला हुआ था, लेकिन उन्होंने इसे रुकवा दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं, जो इस मामले को और भी संदेहास्पद बनाता है।
3.अस्पताल की भयावह स्थिति और खामियां
‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ (NCW) की जांच में अस्पताल में कई खामियां पाई गईं, जैसे रात के समय उचित प्रकाश व्यवस्था न होना, सुरक्षा गार्ड्स की कमी और गंदे शौचालय। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच के दौरान अस्पताल की अंदरूनी स्थिति को लेकर कई दिल दहलाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो अस्पताल की सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
4.डॉ राधागोविंद कर: गरीबों के मसीहा
RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निर्माण डॉ राधागोविंद कर के नाम पर हुआ था, जो गरीबों के मसीहा माने जाते थे। उन्होंने विदेश में पढ़ाई के बाद भी गाँवों में रहकर गरीबों का मुफ्त इलाज किया। प्लेग महामारी के दौरान डॉ कर और सिस्टर निवेदिता ने कोलकाता में लोगों की सेवा की थी। उन्हें ब्रिटिश शासित बंगाल में चिकित्सा विज्ञान के पुनर्जागरण का श्रेय दिया जाता है। उनकी मानवता की मिसाल आज भी चिकित्सा क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत है।
5.अस्पताल का कलंकित इतिहास और रहस्यमयी मौतें
RG Kar अस्पताल का इतिहास केवल गौरवशाली ही नहीं, बल्कि कलंकित भी है। यहां पहले भी कई रहस्यमयी मौतें हो चुकी हैं, जिनमें मेडिकल प्रोफेशनल, प्रोफेसर और हाउस स्टाफ शामिल हैं। इन मौतों को प्रशासन ने आत्महत्या बताया, लेकिन उनके पीछे की असली सच्चाई कभी सामने नहीं आई। इस अस्पताल में देह-व्यापार और ड्रग्स तस्करी के आरोप भी लगते रहे हैं, जिससे इसकी छवि और भी धूमिल हो गई है।
6.आंतरिक सूत्रों से सामने आई सच्चाई
इस घटना के बाद अस्पताल के भीतर के कई रहस्यमयी तथ्यों का खुलासा हुआ है। सौमित्र विश्वास की मौत के मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। वहीं, उनके गले में रुमाल ठूंसे होने की बात भी पता चली थी। लेखिका मधु पूर्णिमा किश्वर ने एक ऑडियो क्लिप का अनुवाद शेयर किया, जिसमें अस्पताल के भीतर चल रहे भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ है। यह ऑडियो पश्चिम बंगाल के हर मेडिकल कॉलेज में चल रही धांधली को भी उजागर करता है।
7.प्रोफेसर और छात्रों के बीच घोटाले के आरोप
ऑडियो क्लिप में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के हर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर छात्रों को पास कराने के लिए पैसे लेते हैं। डॉ संदीप घोष पर सेक्स और ड्रग्स रैकेट चलाने का आरोप है। अस्पताल के प्रिंसिपल को TMC का करीबी बताया जा रहा है, और मृत छात्रा का थीसिस जानबूझकर अप्रूव नहीं किया जा रहा था। इस घटना के बाद अस्पताल में चल रही अवैध गतिविधियों की परतें एक-एक करके खुलती जा रही हैं।
8.कोरोना महामारी के दौरान भी रहस्यमयी घटनाएं**
कोरोना महामारी के दौरान भी RG Kar मेडिकल कॉलेज में रहस्यमयी घटनाएं हुईं। स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा पौलमी साहा की छठी मंजिल से गिरकर हुई मौत को आत्महत्या बताया गया, लेकिन पुलिस और सहपाठियों के बयानों में विरोधाभास नजर आया। यह घटना अस्पताल के भीतर चल रही अव्यवस्थाओं और साजिशों की एक और कड़ी के रूप में सामने आई है, जिसने अस्पताल की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।