छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मुहर्रम के मौके पर ताजिया जुलूस के दौरान एक नाबालिग हिन्दू लड़के को जलती आग में फेंक दिया गया। नाबालिग के भाई को भी आग में फेंकने का प्रयास किया गया लेकिन वो बच गया। इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और आठ नाबालिगों को हिरासत में लिया है।
ताजिया जुलूस के दौरान हिंसा :
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के करतला थाना क्षेत्र के नोनबिर्रा गाँव में मुहर्रम के मौके पर ताजिया जुलूस के दौरान एक हृदयविदारक घटना घटित हुई। इस घटना में एक हिन्दू नाबालिग को जलती आग में झोंक दिया गया। नाबालिग के भाई को भी आग में फेंकने का प्रयास किया गया।
विवाद की शुरुआत :
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना के वक्त दोनों किशोर अपनी दुकान पर बैठे हुए थे। तभी कुछ युवक आए और उनसे विवाद करने लगे। विवाद बढ़ने पर युवकों ने उन पर हमला कर दिया। हमला करने वाले युवकों की संख्या अधिक थी। उन्होंने विवाद के बाद दोनों किशोरों को पास में जल रही आग में फेंक दिया। एक किशोर तो आग में झुलसने से बच गया लेकिन दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।
घायल का इलाज :
आग से झुलसे किशोर को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसका इलाज जारी है। परिजनों ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी।
पुलिस की कार्रवाई :
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। FIR दर्ज कर ली गई है और इस मामले में आठ नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने बताया कि वह घटना में शामिल लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और जाँच जारी है। आग में झुलसे किशोर और हमलावरों के बीच कोई पुराना विवाद होने की बात सामने आई है। पुलिस इस विवाद के बारे में भी जाँच कर रही है।
अन्य क्षेत्रों में भी हिंसा :
गौरतलब है कि मुहर्रम जुलूस के दौरान हिंसा की खबरें देश के अलग-अलग हिस्सों से आई हैं। बिहार के मोतिहारी में इसको लेकर बड़ा बवाल हुआ है तो वहीं कानपुर में भी लाठी-डंडे चलने की सूचना है। इसके अलावा प्रयागराज में भी मुहर्रम जुलूस के दौरान मारपीट की खबरें सामने आई हैं।
निष्कर्ष :
कोरबा की इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक उत्सवों के दौरान होने वाली हिंसा की समस्या को उजागर किया है। यह घटना न केवल समाज में विभाजन का संकेत देती है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से कुछ राहत मिली है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है।