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लता मंगेशकर जी की पुण्यतिथि, बचपन का एक किस्सा :

'स्वर कोकिला', 'मेलोडी क्वीन' जैसे कई नामों से दुनियाभर में प्रसिद्ध लता मंगेशकर भले ही आज हमारे बीच नहीं रहीं। लेकिन उनके सदाबहार गानें हमेशा लोगों के दिलों में उन्हें ज़िंदा रखेंगे।

28 सितंबर 1929 को जन्मीं लता ताई ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 36 भाषाओं में 25 हज़ार से भी अधिक गाने गाए। उनके जीवन से जुड़े कई किस्से आपने सुने होंगे। आज हम आपको उनका एक प्यारा सा किस्सा बताते हैं।

लता मंगेशकर अपने बचपन में बहुत ज्यादा शरारत किया करती थीं। वह अक्सर ज़िद किया करती थीं और ज़िद पूरी न होने पर गुस्से में अपनी गठरी बांधकर कहती थीं 'घर छोड़कर जा रही हूं'। उनके घरवाले उन्हें पुकारते रहते, मगर वह पीछे मुड़कर नहीं देखतीं। इसके बाद कोई ना कोई भागकर जाता और लता मंगेशकर को लेकर आ जाता था।

एक दिन ऐसा आया जब लता दीदी उसी तरह ज़िद करते हुए घर छोड़कर जाने लगीं, तब उनके पिता ने कहा कि इसे घर छोड़कर जाने दिया जाए। लता ताई ने बार-बार पीछे मुड़कर देखा, तो कोई उन्हें रोकने के लिए नहीं आ रहा था।

जब लता चलते-चलते काफी आगे बढ़ गईं, तो वह फिर रोने लगीं। उन्हें रोता हुआ देख उनके पिता भागते हुए उनके पास गए और उन्हें उठाकर घर वापस ले आए। तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि परिवार कितना ज़रूरी है। जब भी लता दीदी इस किस्से को याद करती थीं, तो वह हंस पड़ती थीं।

'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर को शत् शत् नमन!