पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार बर्बाद होते जा रही है, हालात अब ऐसे हो गए हैं कि 1971 के बाद से अब तक की सबसे बुरी आर्थिक स्थिति में पाकिस्तान पहुंच चुका है। जैसा की आप सबको याद हो 1971 में पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध हुआ था.... जिसमें पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी और बांग्लादेश एक आजाद मुल्क बना था। उस युद्ध के कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वहां का नागरिक खाना, बिजली, दबाव और अन्य जरूरी वस्तुओं के लिए जूझ रहा था और फिर से एक बार पाकिस्तान उस वक़्त से भी बुरी स्थिति में जा पहुंचा है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मोमेंट के प्रवक्ता हाफिज हम्दुल्लाह के हवाले से इशारों ही इशारों में कहा गया है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो पाकिस्तान में आगामी चुनाव स्थगित कर दिया जाएंगे।
विदेशी मुद्रा भंडार 4.56 अरब डॉलर की रिकॉर्ड निचले स्तर पर :
आपको बता दें कि जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4.56 अरब डॉलर की रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिसका मतलब है पाकिस्तान 3 सप्ताह के आयात को कवर कर सकती है। आपको बता दें कि यह नंबर किसी भी देश के लिए विनाशकारी स्थिति है क्योंकि, एक देश अपने आयात पर बहुत हद तक निर्भर करता है। मीडिया रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि विदेशी धन में गिरावट संयुक्त अरब अमीरात स्थित दो बैंकों को कर्ज में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पुनभुर्गतान के कारण हुआ है।
पाकिस्तानी रुपया 229 बनाम 1 डॉलर :
आपको बता दें कि पाकिस्तान के राजस्व पर एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि 2023 की जुलाई सितंबर तिमाही के लिए पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा 43 गुना बढ़ गया है, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। पाकिस्तान मुख्य रूप से अपनी खाद्य पदार्थों के लिए रूस और यूक्रेन से आयात पर निर्भर करता है, रिपोर्ट के अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पहले पाकिस्तान दोनों देशों से तकरीबन 1.01 अरब डॉलर का गेहूं आयात करता था। चुकी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध होने के बाद से गेहूं की आपूर्ति पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर बाधित हुई है... इसलिए पाकिस्तान में गेहूं की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर होता जा रहा है, $1 के मुकाबले 229 पाकिस्तानी रुपया है जिसके कारन पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में भी भारी इजाफा हुआ है।