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निहंग सिखों ने इसबार हद पार करदी, सिंधी समुदाय से क्या है विवाद का कारन ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के इंदौर में बीते कुछ दिनों से सिंधी समुदाय और निहंग सिखों के बीच गुरु ग्रंथ साहिब को सिंधी मंदिरों में रखे जाने के कारण विवाद चल रहा है, अब इसी विवाद के बीच सिंधी समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने 11 जनवरी 2023 को गुरुद्वारा इमली साहिब में तकरीबन 80 से अधिक गुरु ग्रंथ साहिब जमा करवाए हैं। ये वो गुरु ग्रंथ साहिब है जो सिंधी मंदिरों में रखे गए थे।

सिंधी समुदाय और निहंग सिखों  के बिच विवाद का क्या करण है :

आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले अमृतसर की निहंग सिखों की कमेटी का एक जत्था मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में अन्नपूर्णा रोड के पास स्थित सिंधी समाज के मंदिर पहुंचा था, जहां गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा की जा रही थी। गुरु ग्रंथ साहिब का मंदिर में सिंधी समाज के लोगों द्वारा मूर्तियों के साथ पूजा जाना निहंग कमेटी के जत्थो को रास नहीं आया, जिसके बाद निहंगो ने नाराजगी जताई और गुरु ग्रंथ साहिब का मूर्तियों के साथ पूजा जाना बेअदबी बताया।

बात थाने तक पहुंची जहां निहंग सिखों ने आरोप लगाया कि गुरु ग्रंथ साहिब का सिंधी समाज द्वारा अनादर किया जा रहा है। इसके पीछे निहंग सिखों ने कारण बताते हुए कहा कि जहां-जहां मंदिरों में गुरु ग्रंथ साहिब रखे हैं वहां पर गुरु ग्रंथ साहिब के साथ मूर्तियों की पूजा नहीं की जा सकती, आसान भाषा में समझे तो समझे तो निहंगो के अनुसार जब किसी स्थान पर गुरुग्रंथ साहिब की पूजा की जाती है तो वह गुरुद्वारा बन जाता है...इसलिए उस स्थान को गुरुद्वारों पर लागू नियमों का पालन करना चाहिए।  निहंगों ने मंदिरों को तुरंत गुरुद्वारा घोषित किए जाने की मांग की और वहां से सभी मूर्तियों को भी हटाने के लिए भी कहा। जत्थे ने ये भी मांग किया की हमारे ग्रंथि मंदिरों में आकर पूजा पाठ करेंगे।

निहंगों पर समाज को तोड़ने का आरोप ?

निहंगों ने आगे कहा कि अगर यह माँग नहीं मानी जाती है तो मंदिरों में ग्रंथ नहीं रखा जाना चाहिए। इसके बाद एक निहंग सिख जत्था राजमहल कॉलोनी स्थित एक सिंधी गुरुद्वारे में गया और वहाँ से ग्रंथ उठा ले गया। उन्होंने फिर एक अल्टीमेटम जारी किया, जिसमें सिंधी समुदाय को 12 जनवरी 2023 तक पवित्र पुस्तक को जमा करने के लिए कहा गया। निहंग समूह के साथ हिंदू जागरण मंच के सदस्यों की बहस भी हुई और उन्होंने निहंगों पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाया।

मामले को बढ़ता देख सिंधी समाज के संतों की कमेटी ने बैठक कर पांच प्रतिनिधि चुने। कमेटी में प्रकाश राजदेव, लालचंद छाबड़ा, नानक दावानी, घनश्याम मलानी व धनेश मटाई शामिल थे। कल कमेटी ने गुरुसिंघ सभा के महासचिव राजा गांधी सहित अन्य सदस्यों से बात की। कमेटी ने कहा हम निहंग कमेटी का फैसला मानेंगे और 12 जनवरी तक श्री गुरुग्रंथ साहिब जमा करवा देंगे। 

तय वक़्त से  पहले जमा करवाए गए 80 से अधिक गुरु ग्रन्थ शाहिब :

इसके बाद सिंधी समाज के संतों की कमेटी ने समय सीमा से एक दिन पहले 11 जनवरी 2023 को गुरुद्वारे में ग्रंथ को जमा करा दिया। उल्लेखनीय है कि सिंधी समुदाय लंबे समय से गुरुग्रंथ साहिब को अपने मंदिरों में रखता रहा है। गुरुग्रंथ साहिब की पूजा करना उनके कर्मकांड का हिस्सा बन गया।

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