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बीबीसी के देश विरोधी डॉक्यूमेंट्री पर साथ आये कांग्रेस और इस्लामिक संगठन

बीबीसी द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर बनाई गई प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री को जहां सरकार ने बैन कर दिया है वही इसके समर्थन में विपक्षी पार्टियां तथा हिंदू विरोधी लोग सामने आ रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इस्लामी छात्र संगठनों ने इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की है। वही दूसरी ओर केरल में कांग्रेस तथा वामपंथी दलों ने मिलकर इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया है। वहीं अगर हम दिल्ली के विवादित यूनिवर्सिटी जेएनयू की बात करें तो यहां इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है। 


केरल में गणतंत्र दिवस के मौके कांग्रेस करेगी स्क्रीनिंग :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी यानी केपीसीसी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि, "गणतंत्र दिवस के मौके पर केरल राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। " आपको बता दें कि केपीसीसी के प्रवक्ता सियाउद्दीन ने कहा है कि, "डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाना संविधान के खिलाफ है। मोदी सरकार इस पर कैसे प्रतिबंध लगा सकती है। यह केंद्र के खिलाफ हमारा विरोध है वही। 

केरल सरकार भी समर्थन में :
अगर हम केरल में वहां की सरकार की बात करें तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डीवाईएफआई ने भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया है। डीवाईएफआई 24 जनवरी 2023 को इसकी स्क्रीनिंग कर रहा है। 

जेएनयू के छात्र संगठन पर दर्ज हुई एफआईआर :
वहीं अगर हम जेएनयू की बात करें तो यहां पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन यानी जेएनयूएसयू के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई है क्योंकि इस छात्र संगठन ने जेएनयू में मंगलवार 24 जनवरी 2023 को सरकार के मना करने के बाद भी स्क्रीनिंग की प्लानिंग की थी और विश्वविद्यालय में इसके पंपलेट भी  बांटे थे। 

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन के इस कदम पर जेएनयू प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। जेएनयू प्रशासन ने अपनी एडवाइजरी में कहा था कि, "इस तरह की गतिविधि से विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव भंग हो सकती है।" लेकिन इसके बाद भी छात्र संगठन स्क्रीनिंग को लेकर तैयारियां कर रहा था। जिसके बाद वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने छात्र संगठन पर एफआईआर दर्ज कराई। 

क्या कहना है विनीत जिंदल का :
विनीत जिंदल ने  एफआईआर दर्ज करवाने के बाद कहा कि, "बीबीसी कि इस एजेंडा  डॉक्यूमेंट्री का मुख्य उद्देश्य देश में अशांति फैलाना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करना है। केंद्र सरकार द्वारा डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने के बाद भी इसकी स्कैनिंग करके धार्मिक अलगाव और नफरत को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। "

हैदराबाद में भी इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले 23 जनवरी 2023 सोमवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन ने मिलकर इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी, जिसमें दोनों छात्र संगठनों के करीब 50 से अधिक छात्र मौजूद थे। इस स्क्रीनिंग को लेकर बाद में छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध दर्ज कराते हुए यूनिवर्सिटी में इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई थी।