कर्नाटक के पंचलींगेश्वर मंदिर में 14 जनवरी से 22 जनवरी तक विठ्ठल कस्बे में मेले का आयोजन किया गया था, जिसमें मुस्लिमों के दुकान को हटाए जाने का मामला सामने आया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस मेले में सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद ने मुस्लिमों के दुकान के बॉयकॉट की मुहिम जारी की थी। अनेकों व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश इस मेले से जुड़ा हुआ वायरल हो रहा था जिसमें गैर हिंदू व्यापारियों के दूकान न लगाने पर प्रतिबंध की बात कही जा रही थी।
मुस्लिम शख्स ने अपनी दुकान लगाई थी जिसे बाद में खाली करवा दिया गया :
इन सबके बीच इस मेले में एक मुस्लिम शख्स ने अपनी दुकान लगाई थी जिसे बाद में खाली करवा दिया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व हिंदू परिषद की तरफ से एक पोस्टर जारी कर मुस्लिम दुकानदारों को मेले के दौरान स्टॉल न लगाने के लिए कहा गया था। पोस्टर में नवंबर 2022 में हुए कुकर ब्लास्ट की एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा गया था कि हमलावरों का निशाना कादरी मंजूनाथ मंदिर था इसलिए इस बार कोई भी गैर हिंदू या मूर्ति पूजा का विरोध करने वाला पूजा स्थल के पास मेले के दौरान व्यापार नहीं कर सकेगा।
इस पोस्टर में आगे लिखा गया था कि सिर्फ हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों का पालन करने वाले व्यापारी को मेले में व्यापार करने की अनुमति होगी हालांकि बाद में पुलिस ने इन पोस्टरों को हटा लिया था और मंदिर प्रशासन की तरफ से भी पोस्टर पर लिखी बातों को खारिज कर दिया गया था।
दो मुस्लिम दुकानदारों के एडवांस लौटा दिए गए थे :
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मेले में दुकानों का टेंडर निकालने वाले गणेश शिनोये ने दो मुस्लिम दुकानदारों के एडवांस लौटा दिए थे और इसके पीछे का कारण विश्व हिंदू परिषद की तरफ से चलाए जा रहे मुहिम को कारण बताया था।
आपकी जानकारी के लिए बता देगी पंचलींगेश्वर मंदिर में लगाए जाने वाले इस मेले में करीब 1 किलोमीटर के दायरे में दुकानें लगाई जाती है हर साल यहां हिंदुओं के साथ साथ मुस्लिम भी अपना व्यापार करते हैं लेकिन पिछले बीते कुछ समय से कर्नाटक में हिजाब विवाद और देश में धर्म आधारित हो रही घटनाओं को देखते हुए हिंदू संगठनों ने इस बॉयकॉट की मुहिम चलाई थी।