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भारत में रिकॉर्ड 83.57 बिलियन अमेरिकी डॉलर का fdi का आगमन हुआ 2021 से 22 में

आज का समय दुनिया के लिए उस पुल के समान हो गया है। जो आंधी की हवाओं की हवाओ में तेजी से झलू रहा हो पर अगर हम इनको गौर से देखें तो , हमें कोविड के कण दिखेंगे जिससे अभी दुनिया उभर नहीं पायी है। हमें ग्लोबल सप्लाई चनै के कुछ चेन के हिस्से टूटेंगे या कमज़ोर दिखेंगे।


हमें रूस और यूक्रेन के युद्ध के कण मिलेंगे और ये कण हर रोज़ नये कण इस आंधी में आते है और पहले से जो कण इस आंधी में है,उन्हें और मजबतू करते है। इन सब के बीच भारत ने एक नया इतिहास रच दिया है। भारतीय इतिहास में पहली बार भारत ने 83.57 बिलियन डॉलर का fdi कमाया है। इसके साथ लगातार भारत दुनिया को आश्चर्य कर रहा है। जैसे आईमफ की पहले की रिपोर्ट कहती थी की भारत 2030 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बन जायेगा पर हाल ही में imf ने गलती मानते हुए कहा है, की भारत 2026 तक ये आकंड़े को हासिल कर लेगा इसके साथ ही हाल ही में भारत में यनिूनिकॉर्नसर्न की संख्या 100 हो गयी है( यनिूनिकॉर्सन्सस उन कंपनियों को कहा जाता है जिनकी टोटल वैल्यू बिलियन डॉलर की होती है) विपक्षदल चाहे कितना भी सरकार को घेरे ये बातें समाज को सरकार को ही चीख_चीख के बतानी चाहिए क्यों कि कुछ सरकारें अगर एक शौचालय बनने पर अख़बार में इस्तिहार दे सकती हैँ , तो इतनी बड़ी उपलब्धी का पता क्या देशवासियों को नहीं पड़ना चाहिए। हमारे देश के कुछ स्वघोषित अर्थशास्त्री चाहे कितना भी मेक इन इंडिया को फ़ैल बताएं पर सच बात क्या है ! ये आप भी जानते हैँ हम भी जानते है और कहीं ना कहीं ये बात ,उनके भी जेहन में है बस बात ये है के अगर वो गलत साबित हो गये तो वो गलत साबित नहीं होंगे पर उनके मालिक गलत साबित हो जाएंगे। 

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