कैट (CAIT) की इस सूची में रोजमर्रा में काम आने वाली वस्तुएं, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, टेक्सटाइल, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, गारमेंट, किचन का सामान, लगेज, हैंड बैग, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई उत्पाद हैं।
नई दिल्ली :- लद्दाख सीमा (Ladakh
Border) पर भारत-चीन विवाद (India-China Rift) के बीच कारोबारी संगठन
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने देश में चाइनीज उत्पादों
(Chinese Products) का बहिष्कार का निर्णय लिया
है। कैट ने इसके लिए 500
से
भी ज्यादा चाइनीज उत्पादों की लिस्ट जारी की है। लद्दाख में चीनी सैनिकों
द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले की देशभर के व्यापारियों ने कड़ी आलोचना
करते हुए कहा की चीन को जब भी अवसर मिलता है भारत की संप्रुभता को चुनौती देता है। चीन का यह रवैया देश के
हितों के विरुद्ध है। इस बात को देशवासियों के ध्यान में लाते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया
ट्रेडर्स द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने
का निर्णय लिया है। कैट ने इसे राष्ट्रीय अभियान "भारतीय सामान - हमारा अभिमान
" के अंतर्गत से जोड़ कर मंगलवार से 500
से
अधिक वस्तुओं की बृहद सूची जारी की। इसके अंतर्गत 3000
से
अधिक वे उत्पाद हैं जो चीन में निर्मित होकर भारत में आयात होते हैं।
CAIT ने चाइनीज उत्पाद पर लगाया प्रतिबंध
कैट ने इन सामानों का बहिष्कार अपने अभियान के प्रथम चरण में किया है। इन चीनी उत्पादों के बहिष्कार का निर्णय कर कैट ने दिसम्बर 2021 तक भारत द्वारा चीन से आयात में 13 बिलियन डॉलर जो लगभग एक लाख करोड़ रुपये होता है की कमी को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
कैट की इस सूची में रोजमर्रा में काम आने वाली वस्तुएं, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, टेक्सटाइल, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, गारमेंट, किचन का सामान, लगेज, हैंड बैग, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन अपैरल, खाद्यान, घड़ियां, जैम एवं ज्वेलरी, वस्त्र, स्टेशनरी, कागज, घरेलू वस्तुएं, फर्नीचर, लाइटिंग, हेल्थ प्रोडक्ट्स, पैकेजिंग प्रोडक्ट, ऑटो पार्ट्स, यार्न, फेंगशुई आइटम्स, दिवाली एवं होली का सामान, चश्में, टेपेस्ट्री मैटेरियल आदि शामिल हैं।
प्रथम चरण में 3000 से अधिक वस्तुओं का चयन
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय
महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कैट के अभियान को स्पष्ट करते हुए कहा की वर्तमान
में चीन से भारत द्वारा आयात लगभग 5 .25 लाख
करोड़ अर्थात 70 बिलियन
डॉलर वार्षिक का है। कैट ने
प्रथम चरण में उन 3000 से अधिक
वस्तुओं का चयन किया है, जो भारत
में भी बनती हैं लेकिन सस्ते के प्रलोभन में अब तक चीन से इन वस्तुओं का आयात हो
रहा था।
इन वस्तुओं के निर्माण में किसी प्रकार की कोई टेक्नोलॉजी की आवश्यकता नहीं है। इसलिए भारत में निर्मित वस्तुओं का प्रयोग चीनी वस्तुओं के स्थान पर बहुत आसानी से हो सकता है और भारत इन वस्तुओं के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को काफी कम कर सकता हैं।
क्या कहना है संगठन का
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की भारत में अनेक वस्तुएं ऐसी
हैं जिनका निर्माण देसी एवं विदेशी कंपनियां भारत में कर रही हैं फिलहाल ऐसी
वस्तुओं को बहिष्कार के दायरे से बाहर रखा गया है। चीन में निर्मित वस्तुएं भारत में
आयात न हो, यह हमारे
अभियान का उद्देश्य है।
उन्होंने यह भी कहा की बहिष्कार में हर प्रकार की चीनी एप्लिकेशन भी शामिल हैं। जिन वस्तुओं में टेक्नॉलजी महत्व है, फिलहाल उनको बहिष्कार में शामिल नहीं
किया गया है। क्योंकि, जब तक इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का विकल्प भारत में विकसित
नहीं हो जाता या भारत के किसी मित्र राष्ट्र द्वारा निर्मित नहीं होता तब तक इस
प्रकार की टेक्नोलॉजी वाली वस्तुओं के उपयोग के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
हालांकि कैट इस मामले को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पियूष गोयल के सामने रखेगा और ऐसी वस्तुओं को भारत में निर्मित करने के लिए सरकार देश के लघु उद्योग, स्टार्टअप तथा अन्य उद्यमियों को हर प्रकार की सहयता प्रदान करे का आग्रह भी करेगा।
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