कोरोना के संकट में आज पूरा विश्व जूझ रहा है, इस बीमारी ने भारत में भी अपना अच्छा खासा असर छोड़ा है और इसी बीच मध्य प्रदेश केबिनेट यानी शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। आपको बता दें कि आज 5 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ग्रहण की, साथ ही शपथ समारोह में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। शपथ समारोह में सभी मंत्री मास्क पहनकर आए हुए थे। समारोह में यह भी देखा गया कि सभी मंत्री एक दूसरे से दूर से ही एक दूसरे का अभिवादन कर रहे थे। कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल विस्तार में किसी भी वीवीआईपी को न्योता नहीं दिया गया था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के 2 मंत्रियों ने भी ली शपथ:-
शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में आज यानी मंगलवार को नरोत्तम मिश्रा, गोविंद सिंह राजपूत, मीना सिंह, तुलसीराम सिलावट और कमल पटेल ने शपथ ली. इन पांचों मंत्रियों को राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने शपथ दिलवाई। आपको यह भी बता दें कि कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जो कि अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं, उनके भी 2 समर्थकों ने भी शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में शपथ ली, तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में होती है। खबर तो यह भी है कि दिल्ली में अमित शाह के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के बाद ही मंत्रियों के लिस्ट फाइनल की गई।
राज्य के 35 विधायक बन सकते हैं मंत्री:-
आपको बता दें कि बीते महीने कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण गिर गई थी। मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटे हैं इस हिसाब से सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री सहित कुल 35 विधायक मंत्री बन सकते है । शिवराज सिंह चौहान ने बीते महीने ही शपथ ग्रहण कर ली थी और आज एक महीने बाद शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। बताया जा रहा है कि दिल्ली में अमित शाह के साथ कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के बाद लिस्ट फाइनल की गई।
राज्य में अब तक 1500 का आंकड़ा छू चुका है कोरोना महामारी :-
इस तरह शपथ लेने के करीब एक महीने बाद शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट का विस्तार किया गया। मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं, इस हिसाब से सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान के सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां बिना स्वास्थ्य मंत्री के ही राज्य कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। मध्यप्रदेश में अगर कोरोना की महामारी पर नजर डाली जाए तो यहां तकरीबन 1500 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें अभी तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी से राज्य का इंदौर शहर कोरोना से सबसे ज्यादा अधिक प्रभावित हुआ है।
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