Default Image

Months format

View all

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

404

Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist. Back Home

Ads Area

POST DEMO

समाचार के मुख्य बिंदु :-

  1. दिल्ली चुनाव के बाद अमित शाह का आया बड़ा बयान.
  2. चुनाव हमारी विचारधारा को बढ़ाने का जरिया
  3. हार जीत के लिए चुनाव नहीं लड़ते
  4. गोली वाला बयान उचित नहीं लेकिन राहुल गांधी के डंडे मारने वाला भी बयान उचित नहीं था
  5. हमने धर्म के आधार पर कभी भेदभाव नहीं किया
  6. कश्मीर में स्थिति सामान्य कोई भी वहां जा सकता है
  7. भड़काऊ भाषण पर सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ते हैं 
  8. एससी एसटी मुद्दे पर कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार


 
हार जित के लिए है, चुनाव नहीं लड़ते:-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे के दो दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है. एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि बहुत सारे दलों के लिए चुनाव सरकार बनाने और गिराने के लिए होते हैं. लेकिन भाजपा एक विचारधारा पर आधारित पार्टी है, हमारे लिए चुनाव हमारी विचारधारा को बढ़ाने का जरिया है. सिर्फ हार-जीत के लिए हम चुनाव नहीं लड़ते.

सबको अपनी राय रखने का हक:-
गृह मंत्री शाह ने कहा कि चुनाव में गोली मारने का बयान उचित नहीं था तो राहुल गांधी के डंडे मारने वाला बयान भी ठीक नहीं था. मुद्दा आज भी ये है कि किसी का विरोध किस प्रकार से और किस चीज के लिए होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से शाहीन बाग का समर्थन करने वालों को अपने विचार रखने का अधिकार है. उसी प्रकार से हमें भी हमारे विचार व्यक्त करने का अधिकार है और हमने वो किया.


CAA पर फिर से रखी अपनी बात :-
गृह मंत्री ने कहा कि हमारा मन शुद्ध है और हम शुद्ध मन से काम करते हैं. हमने कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है. मैं आज भी देश को बताना चाहता हूं कि CAA में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है, जो देश के मुस्लिमों की नागरिकता ले सकता हो.शाह ने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है. कोई भी वहां जा सकता है, लेकिन कोई वहां भड़काने वाले भाषण करेगा तो सरकार को कदम उठाने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अभी कोई भी वहां जाए हम सबको परमिशन दे रहे हैं. सिर्फ वहां के कुछ नेता कुछ प्रावधानों के तहत अभी नजरबंद हैं.


SC/ST मुद्दे पर कांग्रेस को ठहराया:-
अमित शाह ने कहा कि मैं पूरे देश की जनता और विशेषकर SC/ST समुदाय के अपने भाई-बहनों को बताना चाहता हूं कि ये जो प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में चर्चा में आया, वो कांग्रेस की उत्तराखंड सरकार ने किया था, भाजपा ने नहीं. आरक्षण के लिए वो स्टैंड कांग्रेस की सरकार का था, भाजपा की सरकार का नहीं.


ऐसी तमाम खबर पढ़ने और वीडियो के माध्यम से देखने के लिए हमारे एप्प को अभी इनस्टॉल करे और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करे:-
  





आपकी इस समाचार पर क्या राय है,  हमें निचे टिपण्णी के जरिये जरूर बताये और इस खबर को शेयर जरूर करे। 


आपकी प्रतिक्रिया

खबर शेयर करें

Post a Comment

Please Allow The Comment System.*