Default Image

Months format

View all

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

404

Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist. Back Home

Ads Area

Chandrayaan-2 विक्रम फिर दिखाएगा अपना पराक्रम, फिर से खड़ा होगा अपने पैरों पर जाने कैसे.




चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के गिरने से इसरो अभी निराश नहीं हुआ है. ये बात अलग है कि विक्रम लैंडर अपने तय स्थान से करीब 500 मीटर दूर चांद की जमीन पर गिरा पड़ा है लेकिन अगर उससे संपर्क स्थापित हो जाए तो वह वापस अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है. इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में वह टेक्नोलॉजी है कि वह गिरने के बाद भी खुद को खड़ा कर सकता है, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि उसके कम्युनिकेशन सिस्टम से संपर्क हो जाए और उसे कमांड रिसीव हो सके.


समाचार पढ़ने से पहले एक गुजारिस , हमारे फेसबुक पेज को  लाइक कर हमारे साथ जुड़े। 



आइए जानते हैं कि कैसे अपने पैरों पर खड़ा होगा विक्रम लैंडर

इसरो के सूत्रों ने बताया कि विक्रम लैंडर के नीचे की तरफ पांच थ्रस्टर्स लगे हैं. जिसके जरिए इसे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी. इसके अलावा, विक्रम लैंडर के चारों तरफ भी थ्रस्टर्स लगे हैं, जो अंतरिक्ष में यात्रा के दौरान उसकी दिशा तय करने के लिए ऑन किए जाते थे. ये थ्रस्टर्स अब भी सुरक्षित हैं. लैंडर के जिस हिस्से में कम्युनिकेशन एंटीना दबा है, उसी हिस्से में भी थ्रस्टर्स हैं. अगर पृथ्वी पर स्थित ग्राउंड स्टेशन से भेजे गए कमांड को सीधे या ऑर्बिटर के जरिए दबे हुए एंटीना ने रिसीव कर लिया तो उसके थ्रस्टर्स को ऑन किया जा सकता है. थ्रस्टर्स ऑन होने पर विक्रम एक तरफ से वापस उठकर अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो इस मिशन से जुड़े वे सारे प्रयोग हो पाएंगे जो पहले से इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 को लेकर तय किए थे.




इसरो प्रमुख के. सिवन ने रविवार को कहा था कि इसरो की टीम लैंडर विक्रम से कम्युनिकेशन स्थापित करने की लगातार कोशिश कर रही है और जल्द ही संपर्क स्थापित हो जाएगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक उनके पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन हैं. एक अनुमान के मुताबिक इसरो के पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन हैं. क्योंकि अभी लूनर डे चल रहा है. एक लूनर डे धरती के 14 दिनों के बराबर होता है. इसमें से 2 दिन बीत चुके हैं. यानी अगले 12 दिनों तक चांद पर दिन रहेगा. उसके बाद चांद पर रात हो जाएगी, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होती है. रात में उससे संपर्क करने में दिक्कत होगी. फिर इसरो वैज्ञानिकों को इंतजार करना पड़ेगा.




आपकी इस समाचार पर क्या राय है,  हमें निचे टिपण्णी के जरिये जरूर बताये और इस खबर को शेयर जरूर करे। 



आपकी प्रतिक्रिया

खबर शेयर करें