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नहीं रहा देश का सबसे जाबाज आईपीएस ऑफिसर .

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं ऐसे पुलिस के कर्मचारी के बारे में जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया तथा अपराधियों के छक्के भी छुड़ाएं तो आइए जानते हैं कौन है वह जांबाज पुलिस कर्मचारी.


क्या है खबर  :
जांबाज आईपीएस अधिकारी मधुकर आर शेट्टी अब इस दुनिया में नहीं रहे. पुलिस विभाग के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक उन्होंने शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे हैदराबाद के कॉन्टिनेंटल अस्पताल में अंतिम सांस ली. कर्नाटक काडर के 1999 बैच का आईपीएस अधिकारी मधुकर शेट्टी को उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के लिए जाना जाता है. वह दो साल से केंद्र के डेप्युटेशन पर हैदराबाद में पोस्टेड थे.शेट्टी की निधन की खबर से कर्नाटक और हैदराबाद दोनों ही राज्यों के पुलिस महकमे में शोक की लहर है. इलाज के दौरान हेल्थ अपडेट्स को तेलंगाना के मुख्य सचिव शैलेंद्र कुमार जोशी और डायरेक्टर जनरल और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस महेंदर रेड्डी व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटर कर रहे थे. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के आदेश पर राज्य के एडीजी, क्राइम प्रताप रेड्डी बुधवार से हैदराबाद स्थित अस्पताल में ही थे.


कौन है मधुकर आर शेट्टी ?
लोकायुक्त में एसपी रहते हुए उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों यहां तक कि सत्ता में बैठे बड़े नेताओं के खिलाफ भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. बाद में जब उन्हें लगा कि लोकायुक्त के चीफ जस्टिस संतोष हेगड़े भेदभावपूर्ण तरीके से फैसले ले रहे हैं तो उन्होंने पढ़ाई के लिए 5 साल की लंबी छुट्टी ले ली.कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में संतोष हेगड़े का भी बड़ा नाम है. यूएस में पढ़ाई के दौरान शेट्टी ने हेगड़े की खुले तौर पर आलोचना की. शेट्टी का आरोप था कि हेगड़े के विचारों में पारदर्शिता नहीं थी. उन्होंने दिसंबर, 2016 में दोबारा जॉइन किया.कुछ दिन तक वह अपने होम स्टेट में पुलिस भर्ती और ट्रेनिंग के डायरेक्टर के तौर पर पदस्थ रहे. लेकिन 1 जनवरी, 2017 को उन्हें केंद्र ने डेपुटेशन पर बुला लिया. उन्हें हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर पदस्थ किया गया. तब से वह हैदराबाद में काम कर रहे थे.


कर्नाटक में भी किया था काम :
वह कर्नाटक के चिकमगलुरु जिले के एसपी रह चुके हैं. इस दौरान आईएएस हर्ष गुप्ता इस जिले के डिप्टी कमिश्नर थे. इन दोनों की जोड़ी इनके बेहतरीन काम की वजह से काफी चर्चा में आई थी. दोनों ने मिलकर चिकमगलुरु में कई अवैध कब्जे हटवाए और गरीबों को न्याय दिलवाया. यहां के एक गांव को ग्रामीणों ने गुप्ता-शेट्टी हल्ली नाम दिया है. कन्नड़ में हल्ली का मतलब गांव होता है.शेट्टी मूलरूप से कर्नाटक के उडुपी जिले के रहने वाले थे. उन्होंने दिल्ली की जेएनयू से पढ़ाई की थी और उनके पिता वड्डरसे रघु राम शेट्टी जाने माने पत्रकार थे.

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