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ममता के गृहयुद्ध वाले बायान से कांग्रेस घबराई नहीं करेगी ममता का समर्थन।


असम में जारी हुआ एनआरसी का डाटा बरा राजनीती मुद्दा बन गया है, विपक्छी पार्टिया इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरना चाहती है और इसी बिच ममता बनर्जी का भी इस मुद्दे पर बयान आया था लेकिन ममता के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है।  तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी का भी इस मुद्दे पर बयान देते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर कंस्टीटूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम 'LOVE FOR NEIGHBOUR' विषय पर बोलते हुए कहा की एनआरसी मसौदा लागु करने के पीछे बीजेपी की एक बरी चाल छुपी हुई है और ऐसा हम पश्चिम बंगाल में कतई नहीं होने देंगे।  ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा था की एनआरसी के बहाने सरकार देश को बांटने की कोशिश कर रही है, इससे लोग आपस में लड़ेंगे, खून खराबा होगा और देश  गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो जायेंगे।


कांग्रेस की क्या है गए :
अब ममता के इस बयां से कांग्रेस दर गयी है और दर का कारन ये है की कांग्रेस को लग रहा है की ममता ने गृहयुद्ध शब्द का प्रओग करके गलती करदी है जिसका बीजेपी फायदा उठा  सकती है। बताया जा रहा है की इस मुद्दे पर मंगलवार रात को कांग्रेस की एक इंटेरना बैठक भी हुई है जिसके बाद रिपुन बोरा ने कांग्रेस की और से सफाई दी की कांग्रेस ममता के बयां का समर्थ नहीं करती है।कांग्रेस को दर जय की इस बयां पर अगर कांग्रेस ने ममता का साथ दिया तो बीजेपी के लिए ये अन्य राज्यों में फायदेमंद शाबित हो सकता है। बताया जा  मुद्दे पर ममता से बात करने की जिम्मेवारी अहमद पटेल और गुलाम नवी आजाद को दी गयी है। आपको हम बता दे की ममता अभी दिल्ली की दौरे पर है और इस दौरान वहां ममता कई नेताओ से मुलाकात करेंगी।

क्या है मामला :
आपको जैसा कि हमने पहले बतया था की, असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर एनआरसी का दूसरा एवं अंतिम मसौदा को सोमवार को जारी किया गया, आपको जानकार हैरानी होगी की इसमें 3.29 करोड़ लोगो में से 2.89 करोड़ लोग योग्य पाए गये है इसके अलावा 40 लाख लोगो का अता पता ही नहीं है, ये वो लोग है जो अवैध रूप से भारत  में रह रहे है, जो या तो भारतीय शायद हो सकते है या फिर बांग्लादेशी है। ये आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किये गए है, सरकार का कहना है की ये सिर्फ मसौदा है अंतिम सूचि नहीं है। एनआरसी के रजिस्ट्रार का कहना है की जिन लोगो का नाम पहले मसौदे में था और दूसरे मसौदे से गायब है, उन्हें एनआरसी व्यक्तिगत पत्र भेजेगी ताकि वो अपना दावा पेश कर सके।असम में नागरिकता को लेकर सोमवार को एनआरसी की और से दूसरा मसौदा जारी किया गया जिसमे अवैध रूप से भारत में रहने वालो की संख्या 40 लाख के करीब पाई गयी है। इस मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आया है की लोग ज्यादा घबराये नहीं क्युकी ये अंतिम सूचि नहीं है, अंतिम सूचि आने तक का लोग इंतजार करे। राजनाथ सिंह ने कहा की कुछ लोग इस मुद्दे के आधार पर बेवजह का डर का माहौल बना रहे है, उन्होंने इस रिपोर्ट को निस्पक्छ बताया है।



सम्पादक : विशाल कुमार सिंह
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