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शी जिनपिंग ने किया दंगल, बाहुबली फिल्मों का जिक्र; अगले साल आएंगे भारत दौरे पर / Shi Jinping did not mention the riots, Bahubali films; India to tour next year

शी ने इसका उल्लेख किया कि चीन और भारत ने वुहान बैठक में बनी आमसहमति को लागू करने के कुछ शुरुआती परिणामों का लाभ उठाया है।


द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति को आगे ले जाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार (९ जून) को विस्तृत वार्ता की जिसमें दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी रखने के साथ ही अगले वर्ष भारत में अनौपचारिक वार्ता करने पर सहमति जतायी। 
दोनों नेताओं ने वुहान में करीब छह सप्ताह पहले हुई अभूतपूर्व अनौपचारिक मुलाकात से द्विपक्षीय संबंधों में आयी गति को आगे बढ़ाते हुए भारत और चीन के लोगों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने का निर्णय लिया। 

यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर हुई और इसमें द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा हुई जिसमें दोनों देशों द्वारा डोकलाम गतिरोध तथा कई अन्य मसलों से प्रभावित उनके संबंधों में विश्वास बहाल करने का संकल्प प्रतिबिंबित हुआ। बैठक के बाद मोदी जी ने ट्वीट किया, ‘‘इस साल के एससीओ के मेजबान राष्ट्रपति शी चिनफिंग से आज (९ जून) शाम मुलाकात हुई। हमने द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। हमारी बातचीत भारत-चीन मित्रता में नई शक्ति प्रदान करेगी.’’
वुहान बैठक ‘नया शुरुआती बिन्दु’
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शी के हवाले से कहा कि चीन आपसी राजनीतिक विश्वास निरंतर बढाने तथा सभी मुद्दों पर आपसी लाभकारी सहयोग करने हेतु वुहान बैठक को ‘‘नए शुरुआती बिन्दु’’ के तौर पर लेने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है, ताकि चीन-भारत संबंधों को बेहतर एवं गतिशील तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।


शी ने इसका उल्लेख किया कि चीन और भारत ने वुहान बैठक में बनी आमसहमति को लागू करने के कुछ शुरुआती परिणामों का लाभ उठाया है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को क्रियान्वयन में तेजी लाने, रणनीति संवाद बनाये रखने, आर्थिक और व्यापार सहयोग बढ़ाने, लोगों के बीच आदान प्रदान बढ़ाने तथा अंततरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों में समन्वय एवं सहयोग बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करना चाहिए। शी ने शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत की उपस्थिति का स्वागत किया और कहा कि चीनी पक्ष शंघाई भावना को आगे बढ़ाने और एससीओ के स्थिर विकास के लिए भारत और अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।
शी जिनपिंग ने स्वीकारा पीएम मोदी का निमंत्रण
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि बैठक के महत्वपूर्ण परिणामों में से एक यह है कि चीनी पक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से राष्ट्रपति शी को अगले वर्ष अनौपचारिक वार्ता के लिए भारत आने का दिया गया, निमंत्रण स्वीकार कर लिया।यह वैसी ही बैठक होगी जैसी वुहान में गत २७-२८ अपैल को दोनों नेताओं के बीच हुई थी।
वुहान बैठक को पीएम मोदी ने बताया ‘मील का पत्थर’
शी ने भारतीय पक्ष को अवगत कराया कि चीन के रक्षा मंत्री और लोक सुरक्षा मंत्री जो कि भारत के गृह मंत्री के समकक्ष होते हैं वे इस वर्ष नई दिल्ली की यात्रा करेंगे। करीब ५० मिनट की बैठक के कुछ पहलुओं को साझा करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि शी ने वुहान बैठक को दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में ‘एक नया शुरुआत बिंदु’ बताया, जबकि प्रधानमंत्री ने इसे संबंधों में ‘मील का पत्थर’ बताया जो कि परस्पर समझ और विश्वास विकसित करने में सहायक होगा।
सकारात्मक और आशावादी बैठक
मोदी-शी बैठक पर मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि यह बैठक ‘‘बहुत सकारात्मक और आशावादी’’ रही और दोनों नेताओं ने वुहान वार्ता की भावना की प्रशंसा की। 
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक संवाद खुला रखने पर सहमति जतायी. दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में एक संयुक्त परियोजना शुरू करने पर चर्चा की जो कि क्षमता निर्माण के दायरे में होगी। शी ने कहा कि वुहान बैठक को दोनों देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। एक सकारात्मक माहौल का निर्माण हो रहा है जो कि चीन-भारत संबंधों के विकास पर अधिक ध्यान देगा और उसका समर्थन करेगा।
बैठक के नतीजे की चर्चा करते हुए गोखले ने कहा कि दोनों पक्ष कला और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क का एक नया तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से विदेश मंत्री (सुषमा स्वराज) इसका नेतृत्व करेंगी, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी करेंगे। इस तंत्र की पहली बैठक इसी वर्ष होगी।

शी जिनपिंग ने किया दंगल तथा बाहुबली का जिक्र
इस संदर्भ में, शी ने चीन में भारतीय फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता का भी जिक्र किया और दंगल तथा बाहुबली फिल्मों के बारे में खास उल्लेख किया।
 दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की और सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों की सेनाएं शांति बनाए रखने के लिए एक दूसरे से बातचीत जारी रखेंगी।
इस वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने चीन द्वारा भारत को ब्रहमपुत्र नदी के जल के संबंध में सूचनाएं साझा करने तथा भारत से चीन को चावल निर्यात के बारे में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने कहा कि सीमा संबंधी विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता इसी साल होगी। बैठक में, चीनी पक्ष भारत से उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पादों का आयात करने पर भी सहमत हुआ और कहा कि वे चीनी बाजार में भारतीय दवाओं के लिए भी अनुमति देंगे।

 संपादक :आशुतोष उपाध्याय

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