एक बात बोलना चाहूंगा ये आतंकवादियों को छीप के हमला करने की प्रविर्ती नहीं जाएगी फिर से हुआ सेना के जवानो पर हमला :
जब सारा देश सो रहा होता है तब भारतीय सेना जागकर सरहद पर हमारी रक्षा करती है, सर पर कफ़न बांधकर आतंकियों से संघर्ष कर रही होती है आखिर क्यों सिर्फ इसलिए की हमारे देश जवान, बूढ़े, मर्द, औरत, लड़किया, बच्चे सब चैन की नींद सो सके। जिन नेताओ की सुरक्षा के लिए सेना अपनी जान दे देटी है वही नेता सेना को सड़क का गुंडा बता देते है। जिन अक्रान्ताओ से हमारी सेना लोहा लेती है उन्ही को हमारे देश के कुछ बुद्धिजीवी लोग मसीहा बना देते है।
आज फिर से कुछ ऐसा हुआ है जो नहीं होना चाहिए था फिरसे भारतीय सेना तुस्टीकरण की राजनीती का शिकार हो रही है, दरसअल CRPF के एक जवान पे मुकदमा दर्ज किया गया है। आपको हम बतादे की शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद कश्मीर में मजहबी उन्मादी अक्रान्ताओ ने सेना पर भीषण पथरबाजी शुरू कर दी। इन पथरबाजो ने बिना किसी वजह के सेना की गाड़ी पर पत्थर से हमला करना सुरु कर दिया आपको हैरानी होगी की भीड़ इतनी उग्र थी की वो जवानो का जान तक ले सकती थी इसीबीच एक पथरबाज सेना के गाड़ी के निचे कूद गया जिसके बाद उस व्यक्ति की मौत होगयी। जैसे तैसे CRPF के जवान वहाँ से अपनी जान बचाकर निकले लेकिन इसके बाद सुरु हुई बेहद ही घटिया निम्नस्तरीये तुस्टीकरण की राजनीती जिसमे सेना के जवान पर ही मुकदमा कर दिया गया।
पढ़े 3 बांग्लादेशी अवैध तरीके से गाजियाबाद में रह रहे थे और अवैध तरीके से महज 5 हजार रुपये में रोहंगिया, पाकिस्तानियो और बांग्लादेशियो को भारतीयता नागरिकता दिलवाते थे पढ़े पूरी खबर :
149,152,336, 427 के तहत सेना के जवान पर मुकदमा किया गया। इससे बरी शर्म की बात हमारे देश के लिए नहीं हो सकती है क्युकी जिन जवानो का वो पथरबाज जान लेने के लिए उतारू थे वो भी बिना किसी वजह के,सेना के जवानो को घायल करना चाहते थे, जान से मरना चाहते थे जिससे सेना ने अपनी जान जैसे तैसे बचाई औरउसी सेना के जवान पर ही मुकदमा हो गया।आपको हम बताना चाहेंगे की जब सेना का जवान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद होता है तो ये पथरबाज उस वक़्त क्षण मानते है, खैर ऐसी स्थिति में सेना के सोचते होंगे की एक नेता ने सही ही कहा है की "सेना के जवान तो मरने के लिए ही होते है" .. सेना के खिलाफ ये मुकदमा महबूबा मुफ़्ती सरकार का बहुत ही घटिया फैसला है।
वो भारतीय कानून जो शायद आपको थोड़ा अटपटा लगे लेकिन भारतीय होने के नाते ये कानून हमें पता जरूर होना चाहिए, आज हम इसी पर चर्चा करेंगे :
सम्पादक :विशाल कुमार सिंह
भारत आईडिया से जुड़े :
अगर आपके पास कोई खबर हो तो हमें bharatidea2018@gmail.com पर भेजे या आप हमें व्हास्स्प भी कर सकते है 9591187384 .
आप भारत आईडिया की खबर youtube पर भी पा सकते है।
आप भारत आईडिया को फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते है।
जब सारा देश सो रहा होता है तब भारतीय सेना जागकर सरहद पर हमारी रक्षा करती है, सर पर कफ़न बांधकर आतंकियों से संघर्ष कर रही होती है आखिर क्यों सिर्फ इसलिए की हमारे देश जवान, बूढ़े, मर्द, औरत, लड़किया, बच्चे सब चैन की नींद सो सके। जिन नेताओ की सुरक्षा के लिए सेना अपनी जान दे देटी है वही नेता सेना को सड़क का गुंडा बता देते है। जिन अक्रान्ताओ से हमारी सेना लोहा लेती है उन्ही को हमारे देश के कुछ बुद्धिजीवी लोग मसीहा बना देते है।
आज फिर से कुछ ऐसा हुआ है जो नहीं होना चाहिए था फिरसे भारतीय सेना तुस्टीकरण की राजनीती का शिकार हो रही है, दरसअल CRPF के एक जवान पे मुकदमा दर्ज किया गया है। आपको हम बतादे की शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद कश्मीर में मजहबी उन्मादी अक्रान्ताओ ने सेना पर भीषण पथरबाजी शुरू कर दी। इन पथरबाजो ने बिना किसी वजह के सेना की गाड़ी पर पत्थर से हमला करना सुरु कर दिया आपको हैरानी होगी की भीड़ इतनी उग्र थी की वो जवानो का जान तक ले सकती थी इसीबीच एक पथरबाज सेना के गाड़ी के निचे कूद गया जिसके बाद उस व्यक्ति की मौत होगयी। जैसे तैसे CRPF के जवान वहाँ से अपनी जान बचाकर निकले लेकिन इसके बाद सुरु हुई बेहद ही घटिया निम्नस्तरीये तुस्टीकरण की राजनीती जिसमे सेना के जवान पर ही मुकदमा कर दिया गया।
पढ़े 3 बांग्लादेशी अवैध तरीके से गाजियाबाद में रह रहे थे और अवैध तरीके से महज 5 हजार रुपये में रोहंगिया, पाकिस्तानियो और बांग्लादेशियो को भारतीयता नागरिकता दिलवाते थे पढ़े पूरी खबर :
149,152,336, 427 के तहत सेना के जवान पर मुकदमा किया गया। इससे बरी शर्म की बात हमारे देश के लिए नहीं हो सकती है क्युकी जिन जवानो का वो पथरबाज जान लेने के लिए उतारू थे वो भी बिना किसी वजह के,सेना के जवानो को घायल करना चाहते थे, जान से मरना चाहते थे जिससे सेना ने अपनी जान जैसे तैसे बचाई औरउसी सेना के जवान पर ही मुकदमा हो गया।आपको हम बताना चाहेंगे की जब सेना का जवान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद होता है तो ये पथरबाज उस वक़्त क्षण मानते है, खैर ऐसी स्थिति में सेना के सोचते होंगे की एक नेता ने सही ही कहा है की "सेना के जवान तो मरने के लिए ही होते है" .. सेना के खिलाफ ये मुकदमा महबूबा मुफ़्ती सरकार का बहुत ही घटिया फैसला है।
वो भारतीय कानून जो शायद आपको थोड़ा अटपटा लगे लेकिन भारतीय होने के नाते ये कानून हमें पता जरूर होना चाहिए, आज हम इसी पर चर्चा करेंगे :
सम्पादक :विशाल कुमार सिंह
भारत आईडिया से जुड़े :
अगर आपके पास कोई खबर हो तो हमें bharatidea2018@gmail.com पर भेजे या आप हमें व्हास्स्प भी कर सकते है 9591187384 .
आप भारत आईडिया की खबर youtube पर भी पा सकते है।
आप भारत आईडिया को फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते है।