आज हम बात करने जा रहे हैं मोहम्मद अली जिन्ना की लगी तस्वीर पर हो रही अटकलों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी का क्या कहना है।
आज हम बात करने जा रहे हैं मोहम्मद अली जिन्ना की लगी तस्वीर पर हो रही अटकलों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी का क्या कहना है।
नई दिल्ली : ७० सालों के बाद बोतल से बाहर निकला जिन्ना का जिन अभी तक भारत पर छाया हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी की सोच बिल्कुल सही है इसमें कोई दो राय नहीं क्योंकि जिसके चलते देश का बंटवारा हुआ वह किसी भी यूनिवर्सिटी चाहे वह मुस्लिम की ही क्यों ना हो उसका तस्वीर उसमें कैसे लग सकता। अगर आपको तस्वीर लगाना ही है तो डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी का लगाइए १९६५ में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद जी का लगाइए ऐसे ही कितने महापुरुष हैं उनकी तस्वीर लगानी चाहिए।
इसमें शाहनवाज हुसैन जी का क्या कहना है आइए देखते हैं
इसी को देखते हुए इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं।
शाहनवाज हुसैन जी का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना फोटो को लेकर की बंटवारे के वक्त जब पाकिस्तान को काफी कुछ दिया गया तो उसी समय या फोटो भी उन्हें सौंप देनी चाहिए थी ।उसकी यहां पर कोई जरूरत नहीं है
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी का कहना है कि मोहम्मद अली जिन्ना देश के बंटवारे का प्रतीक है। वह १९४७ में हुए बंटवारे में लाखों लोगों का खून बहाने का जिम्मेवार है। भारत का हिंदू हो चाहे मुसलमान हो कोई भी जिन्ना को पसंद नहीं करता।
एमयू पर उठे जिन्ना के विवाद पर उन्होंने कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ तब रिजर्व बैंक से बहुत सारा पैसा वहां गया.
जमीन और जायदाद भी उन्हें भरपूर संख्या में प्रदान की गई।
शाहनवाज हुसैन जी ने यह भी कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की लगी तस्वीर पाकिस्तान पहुंचा देनी चाहिए।
सम्पादक :आशुतोष उपाध्याय
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी |
आज हम बात करने जा रहे हैं मोहम्मद अली जिन्ना की लगी तस्वीर पर हो रही अटकलों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी का क्या कहना है।
नई दिल्ली : ७० सालों के बाद बोतल से बाहर निकला जिन्ना का जिन अभी तक भारत पर छाया हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी की सोच बिल्कुल सही है इसमें कोई दो राय नहीं क्योंकि जिसके चलते देश का बंटवारा हुआ वह किसी भी यूनिवर्सिटी चाहे वह मुस्लिम की ही क्यों ना हो उसका तस्वीर उसमें कैसे लग सकता। अगर आपको तस्वीर लगाना ही है तो डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी का लगाइए १९६५ में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद जी का लगाइए ऐसे ही कितने महापुरुष हैं उनकी तस्वीर लगानी चाहिए।
इसमें शाहनवाज हुसैन जी का क्या कहना है आइए देखते हैं
इसी को देखते हुए इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं।
शाहनवाज हुसैन जी का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना फोटो को लेकर की बंटवारे के वक्त जब पाकिस्तान को काफी कुछ दिया गया तो उसी समय या फोटो भी उन्हें सौंप देनी चाहिए थी ।उसकी यहां पर कोई जरूरत नहीं है
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जी का कहना है कि मोहम्मद अली जिन्ना देश के बंटवारे का प्रतीक है। वह १९४७ में हुए बंटवारे में लाखों लोगों का खून बहाने का जिम्मेवार है। भारत का हिंदू हो चाहे मुसलमान हो कोई भी जिन्ना को पसंद नहीं करता।
एमयू पर उठे जिन्ना के विवाद पर उन्होंने कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ तब रिजर्व बैंक से बहुत सारा पैसा वहां गया.
जमीन और जायदाद भी उन्हें भरपूर संख्या में प्रदान की गई।
शाहनवाज हुसैन जी ने यह भी कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की लगी तस्वीर पाकिस्तान पहुंचा देनी चाहिए।
सम्पादक :आशुतोष उपाध्याय
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